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आज से शुरू हो गया है मलमास, अब शुभ कार्यों के लिए करना होगा मकर संक्रांति तक इंतजार

locationउदयपुरPublished: Dec 15, 2017 01:23:25 pm

Submitted by:

Dhirendra Joshi

मलमास की शुरुआत शुक्रवार दोपहर 12.34 बजे होगी, जो 14 जनवरी दोपहर 1.47 बजे तक रहेगा। इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। 

उदयपुर . मलमास की शुरुआत शुक्रवार को होगी, जिसका समापन 14 जनवरी को मकर सक्रांति पर होगा। ऐसे में शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। अमूमन मकर सक्रांति के बाद शादियों का दौर शुरू होता है, लेकिन इस बार शादियां मकर सक्रांति से शुरू नहीं होगी। वजह ये कि गुरुवार को शुक्र अस्त हुआ है। मकर सक्रांति के बाद 22 जनवरी को बसंत पंचमी पर शादियां होगी। तीन फरवरी को शुक्र उदय होने पर शादियां शुरू होगी। ऐसे में पूरे 50 दिनों में महज एक बसंत पंचमी का मुहूर्त रहेगा।
पंडित जगदीश दिवाकर ने बताया कि मलमास की शुरुआत शुक्रवार दोपहर 12.34 बजे होगी, जो 14 जनवरी दोपहर 1.47 बजे तक रहेगा। इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। मलमास के चलते किसी भी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। सक्रांति पर दानपुण्य से शुरुआत होगी। इधर, गुरुवार को शुक्र अस्त हुआ है, जो 3 फरवरी तक अस्त रहेगा। एेसे में शादियों पर विराम रहेगा। इस दरमियान 22 जनवरी को बसंत पंचमी है। युगाधि तिथि (स्वयं सिद्ध मुहूर्त) होने से शादियां होगी।
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मलमास या खरमास में क्या न करें

खरमास या मलमास में सभी प्रकार के मांगलिक व शुभ कार्य टाले जाते हैं। परन्तु इस माह में किए गए सभी प्रकार के दान-पुण्य का बहुत ही महत्व माना गया है। इस समय भगवान का नाम स्मरण तथा गरीबों का दान आदि करना चाहिए जिनसे दुर्भाग्य दूर होकर सौभाग्य प्राप्त होता है। इस समय अपने ईष्ट देव की ही पूजा करनी चाहिए। इससे सभी संकटों का नाश होता है। सूर्य की धनु में संक्रांति के दौरान भूल से भी धर्म-कर्म से जुडे कार्य यथा पूजा-पाठ के बड़े अनुष्ठान, रामायण पाठ, विद्यारंभ, जनेऊ (यज्ञोपवीत) संस्कार, राज्याभिषेक, गृह प्रवेश, व्रत उद्यापन, देव प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा, तीर्थ यात्रा आदि नहीं करने चाहिए। इस समय एकमात्र दान की महिमा बताई गई हैं। अतः जानवरों, जरूरतमंदों तथा गरीबों को अपनी यथाशक्ति दान देना चाहिए। पूजा-पाठ के नाम पर अपने ईष्ट देव का नामस्मरण करना चाहिए।

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