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Mann Ki Baat : पीएम मोदी ने राजस्थान की इस बावड़ी के कायाकल्प की प्रशंसा की, सबको प्रेरणा लेने को कहा

locationउदयपुरPublished: Jun 26, 2022 06:46:49 pm

Submitted by:

Mukesh Hingar

Mann Ki Baat : आर्किटेक्ट सुनील लड्ढा की सोच ने अस्तित्व खोती बावड़ी को किया जिंदा, पीएम मोदी ने की सराहना

Mann Ki Baat  : पीएम मोदी ने राजस्थान की इस बावड़ी के कायाकल्प की प्रशंसा की, सबको प्रेरणा लेने को कहा

Mann Ki Baat : पीएम मोदी ने राजस्थान की इस बावड़ी के कायाकल्प की प्रशंसा की, सबको प्रेरणा लेने को कहा

आधुनिकता के इस दौर में हम अपनी धरोहरों और विरासतों को नहीं सहेज पा रहे, इसी का एक बड़ा उदाहरण है विलुप्त होती बावड़ियां, हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई गाँव,शहर या कस्बा होगा जहाँ बावड़ियां नहीं हो, लेकिन आज उनकी स्थिति बद से बदतर हो चुकी है, सरकारों को भी इन्हे सहेजने के प्रयासों में कोई विशेष सफलता नहीं मिली है, इन धरोहरों को जन सहभागिता से ही बचाया जा सकता है।
इसका एक बड़ा उदाहरण लेकसिटी उदयपुर की बेदला स्थित सुलतान बावड़ी में देखने को मिला है, शहर के आर्किटेक्ट सुनील लड्ढा और अमित गौरव ने अपने साथियों के साथ मिलकर न सिर्फ इसकी दशा सुधारी है बल्कि Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ने भी बावड़ी के कायाकल्प के लिए युवाओ की इस पहल की प्रशंसा की है ।
उदयपुर में बेदला गाँव में वर्षो पुरानी की एक बावड़ी है जिसका निर्माण बेदला के राव सुलतान सिंह जी ने करवाया था, उसके बाद इसे सुलतान बावड़ी के नाम से ही जाना जाने लगा, पुराने जमाने में इस बावड़ी का पानी आस पास के गांवों में सप्लाई किया जाता था, तब तक यहाँ भी साफ़ सफाई रहती थी लेकिन अब इस और किसी का ध्यान नहीं है, वर्षो से इस बावड़ी पर कोई नहीं आया इसी वजह से अब ये गन्दगी से अटी पड़ी थी लेकिन करीब 9 महीने पहले यहाँ उदयपुर के एक आर्किटेक्ट सुनील लड्ढा युहीं घूमने आ गए, उन्होंने जब इसकी हालत देखी तो उनसे रहा नहीं गया और खुद ने ही यहाँ श्रमदान करना शुरू कर दिया, सुनील के साथ उसके अन्य साथी भी इस मुहीम का हिस्सा बने और देखते ही देखते ये एक कारवां बन गया।
सुनील ने बताया कि जब वे यहाँ आये थे तब इसकी स्थिति देखकर बहुत दुःख हुआ था जगह – जगह पेड़ पौधे उगे हुए थे, पत्थर टूट रहे थे, बावड़ी का पानी भी पीला पड़ गया था, पानी में जूते, बेग, प्लास्टिक, और विभिन्न तरह का कूड़ा करकट भरा था, बावड़ी को देखकर लग नहीं रहा था कि ये हमारी धरोहर है, उन्होंने एक आर्किटेक्ट की नज़र से देखा और इसके पीछे छुपी खूबसूरती को पहचान लिया, बाद में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए आमजनता से सहभागिता निभाने की अपील कर दी, धीरे धीरे लोग जुड़ते हुए और बावड़ी फिर से अपने मूल स्वरुप में आ गई।
नीचे वीडियो देखे…..

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