दिन में हुए कई आयोजन, बैंडबाजों की स्वरलहरियां भी अधिक देर नहीं गूंजी कोविड गाइडलाइंस और नाइट कफ्र्यू को देखते हुए इस साल कई आयोजन शादी वाले घरों में दिन में ही कर लिए गए। सुबह से ही शादी वाले घरों के बाहर शगुन के ढोल बजने लगे। कई रस्में और कार्यक्रम रात के बजाय लोगों ने दिन में करना बेहतर समझा। इसलिए शहर की कई वाटिकाएं, मैरिज हॉल, गार्डन्स में दिन में भी खूब चहल-पहल दिखाई दी। हालांकि इस बार पहले जैसे सडक़ों पर नाचते-गाते बारातियों के नजारें नजर नहीं आए। लोगों ने बारात केवल आयोजन स्थल पर ही कुछ दूर के लिए निकाली ताकि वो रस्म पूरी हो जाए। वहीं, बैंड-बाजों की स्वर लहरियां भी सीमित समय के लिए ही गूंजीं।
लोगों ने कोरोना गाइडलाइंस की पालना करते हुए सीमित संख्या में ही मेहमानों को बुलाया। देवउठनी एकादशी से सावों की शुरुआत हो चुकी है और अभी 27 नवंबर, 30 नवंबर के बाद दिसंबर में 1, 7, 9, 10 दिसंबर को मुहूर्त हैं। ऐसे में इन दिनों भी कई विवाह होने हैं जिनके लिए भी प्रशासन के पास अनुमति के लिए सूचना भिजवा दी गई है।