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इन मंदिरों में भी हो रहा विकास: गोगाजी (गोगामेड़ी) के सर्वांगीण विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके प्रथम चरण में 18.95 करोड़ की स्वीकृति जारी कर कार्य शुरू किया गया है। इसी प्रकार राज्य के प्रत्यक्ष प्रभार मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं अन्य विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ की स्वीकृति दी गई। इनमें से अधिकांश कार्य प्रगति पर हैं। इसी प्रकार भरतपुर के गंगामंदिर के लिए 10.10 करोड़, लक्ष्मण नारायण मंदिर ? के लिए 1.21 करोड़ तथा बिहारीजी मंदिर के विकास के लिए 1.82 करोड़ की स्वीकृति भी जारी की गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के 96 मंदिरों में 2080 करोड़ के विकास कार्य कराए गए हैं।
इन मंदिरों में भी हो रहा विकास: गोगाजी (गोगामेड़ी) के सर्वांगीण विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके प्रथम चरण में 18.95 करोड़ की स्वीकृति जारी कर कार्य शुरू किया गया है। इसी प्रकार राज्य के प्रत्यक्ष प्रभार मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं अन्य विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ की स्वीकृति दी गई। इनमें से अधिकांश कार्य प्रगति पर हैं। इसी प्रकार भरतपुर के गंगामंदिर के लिए 10.10 करोड़, लक्ष्मण नारायण मंदिर ? के लिए 1.21 करोड़ तथा बिहारीजी मंदिर के विकास के लिए 1.82 करोड़ की स्वीकृति भी जारी की गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के 96 मंदिरों में 2080 करोड़ के विकास कार्य कराए गए हैं।
केवल 24.90 करोड़ दिए राज्य में ग्यारह प्रमुख बड़े धर्मस्थलों यथा खाटूश्याम मंदिर, डिग्गी कल्याणजी मंदिर मालपुरा (टोंक), मातृकुण्डिया (चित्तौडग़ढ़), मेहन्दीपुर बालाजी (दौसा), बेणेश्वर धाम (डूंगरपुर), पुष्करराज एवं बूढ़ा पुष्कर (अजमेर), रूप नारायण (सेवंत्री), चारभुजा मंदिर (राजसमंद), चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर), सालासर एवं रामदेवरा आदि स्थलों पर सुनियोजित विकास एवं यात्री सुविधाएं विकसित करने को लेकर मास्टर प्लान तैयार करवाया गया है। इनमें से प्रथम चरण में खाटूश्याम मंदिर, डिग्गी मालपुरा, मेहन्दीपुर बालाजी, बेणेश्वर धाम, पुष्करराज एवं बूढ़ा पुष्कर के लिए 24.90 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई है।