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उदयपुर का एमबी हॉस्पिटल अब खुद की छवि के साथ मरीजों को नई सुविधा मुहैया कराएगा, जांच योजना में आई ‘नई बीमारी’

locationउदयपुरPublished: Dec 30, 2017 06:47:05 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

-महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय का प्रशासन खुद की छवि को सुधारते हुए मरीजों को नई सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रयासरत है

mb hospital in udaipur
उदयपुर . आरोग्य ऑनलाइन के मामले में प्रदेश की पिछड़ी सूची में शामिल संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय का प्रशासन खुद की छवि को सुधारते हुए मरीजों को नई सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रयासरत है, लेकिन व्यवस्था सुधार के लिए उठाए गए कदम मरीज और उनके परिजनों को ‘नई बीमारी’ बनकर उभरे हैं। इससे शुक्रवार को मरीज खासे परेशान रहे।
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ओपीडी में चिकित्सकीय परामर्श के बाद मरीजों को सेंट्रल लैब में नि:शुल्क जांच करवाने के लिए परेशान होना पड़ा, क्योंकि ओपीडी में रेजिडेंट स्तर पर जांच पर्ची पर ‘सीआर नंबर’ के इंद्राज में चूक हो रही है। कुछ रोगियों को पहले तो जांच के लिए इधर-उधर चक्कर काटने के बाद नि:शुल्क जांच के लिए सेंट्रल लैब के कार्मिकों से तकरार की स्थिति से गुजरना पड़ रहा। इस संबंध में शिकायतों के अधीक्षक कार्यालय में पहुंचने पर इस समस्या का समाधान हुआ। अधीक्षक के निर्देश पर कुछ समय के लिए मरीज हित में बिना सीआर नंबर वाली पर्चियों को जारी रखने का निर्णय हुआ। गौरतलब है कि प्रदेश के एसएमएस में करीब एक साल पहले से यह व्यवस्था लागू है।
संभव है एेसा
आरोग्य ऑनलाइन में मरीज के मोबाइल नंबर पर भी मैसेज की सुविधा की गई है जिससे समस्या का स्थायी समाधान संभव है। मोबाइल नंबर से जेनरेट होने वाला सीआर नंबर मैसेज के माध्यम से मरीज या फिर उसके परिजन के मोबाइल में पहुंच जाएगा। इसके बाद कभी भी जांच एवं उपचार का ब्योरा मरीज के सीआर नंबर से आसानी से मुहैया हो सकेगा।
इसलिए उलझा मामला
असल में आरोग्य ऑनलाइन की सुविधा अब तक ओपीडी काउंटर पर ही लागू थी। सीआर नंबर के अभाव में सेंट्रल लैब में नि:शुल्क जांच वाले रोगियों की पर्ची कटने में तकलीफ हो रही थी। भर्ती मरीजों को इस समस्या के समाधान के लिए वार्ड के चक्कर काटने पड़े। दूसरी ओर, पन्नाधाय महिला चिकित्सालय में नवजात के रजिस्ट्रेशन को लेकर तकलीफ हुई। नर्सिंग स्टाफ ने पुराने तरीकों से जांच पर्ची पर नौ अंक दर्ज किए, जबकि सीआर नंबर के लिए ११ अंक की अनिवार्यता है। गौरतलब है कि नई व्यवस्था के बाद मरीज को वार्ड में या फिर जांच के दौरान परामर्श फाइल नहीं ले जानी होगी। बल्कि वार्ड के हर कम्प्यूटर में मरीज का परामर्श खाका खुल जाएगा।
लगेगा थोड़ा समय
सेंट्रल लैब कार्मिकों को व्यवस्था संचालन एवं मरीज का सहयोग करने को कहा है ताकि सीआर नंबर के अभाव में भी वे पर्ची काटने में सहयोग करें।
एक बार कार्य रूटिन में आने के साथ ही समस्या स्वत: खत्म हो जाएगी।
-डॉ. विनय जोशी, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल

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