आरोग्य ऑनलाइन में मरीज के मोबाइल नंबर पर भी मैसेज की सुविधा की गई है जिससे समस्या का स्थायी समाधान संभव है। मोबाइल नंबर से जेनरेट होने वाला सीआर नंबर मैसेज के माध्यम से मरीज या फिर उसके परिजन के मोबाइल में पहुंच जाएगा। इसके बाद कभी भी जांच एवं उपचार का ब्योरा मरीज के सीआर नंबर से आसानी से मुहैया हो सकेगा।
असल में आरोग्य ऑनलाइन की सुविधा अब तक ओपीडी काउंटर पर ही लागू थी। सीआर नंबर के अभाव में सेंट्रल लैब में नि:शुल्क जांच वाले रोगियों की पर्ची कटने में तकलीफ हो रही थी। भर्ती मरीजों को इस समस्या के समाधान के लिए वार्ड के चक्कर काटने पड़े। दूसरी ओर, पन्नाधाय महिला चिकित्सालय में नवजात के रजिस्ट्रेशन को लेकर तकलीफ हुई। नर्सिंग स्टाफ ने पुराने तरीकों से जांच पर्ची पर नौ अंक दर्ज किए, जबकि सीआर नंबर के लिए ११ अंक की अनिवार्यता है। गौरतलब है कि नई व्यवस्था के बाद मरीज को वार्ड में या फिर जांच के दौरान परामर्श फाइल नहीं ले जानी होगी। बल्कि वार्ड के हर कम्प्यूटर में मरीज का परामर्श खाका खुल जाएगा।
सेंट्रल लैब कार्मिकों को व्यवस्था संचालन एवं मरीज का सहयोग करने को कहा है ताकि सीआर नंबर के अभाव में भी वे पर्ची काटने में सहयोग करें।
एक बार कार्य रूटिन में आने के साथ ही समस्या स्वत: खत्म हो जाएगी।