कोई नहीं करेगा आपसे पूछताछ सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सडक़ पर अगर आपको कोई घायल दिखे तो अपना समझकर उठाएं, उसकी पूरी मदद करे। आपकी एक छोटी सी मदद किसी की जिंदगी बचा सकती है। घायल को अस्पताल पहुंचाने पर आपको कोई भी नहीं पूछेगा। दुर्घटना के मामले में पुलिस आपको न तो गवाह बनाएगी न ही चिकित्सक इलाज से इनकार करेगा। पुलिस अगर पूछताछ करती है तो आप पुलिस अधिकारियों शिकायत कर सकते हैं। जिले में पुलिस ने कंट्रोल रूम के नम्बर 02942414600 भी जारी रखे हैं, वहीं चिकित्सालय में सुविधा व चिकित्सक नहीं होने पर चिकित्सा विभाग की ओर से 6367304312 नम्बर सार्वजनिक है।
केस-1 अपनी एम्बुलेंस ही पड़ गया नाम
झल्लारा .सलूम्बर तहसील के जैताना निवासी मुकेश कलाल अब तक कई घायलों की जिंदगी बचा चुके हंै। गांव में सब लोग उन्हें पुलिस से पहले कॉल करते हैं। कई लोग तो उन्हें अपनी एम्बुलेंस तक बुलाते हैं। उनका सम्पर्क इतना तेज है कि आसपुर से झल्लारा तक के 10 किलोमीटर तक के मार्ग के बीच दुर्घटना होते ही तुरंत जानकारी मिल जाती है। अब तक कितने ही घायलों को स्वयं ने अस्पताल पहुंचाया। मार्ग जाम होने पर कई बार अपनी एक्सक्वेटर मशीन से दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाकर यातायात बहाल किया। मुकेश के इस पुनीत काम के लिए कई बार पुलिस भी उनकी पीठ थपथपा चुकी है। मंगलवार रात दो बाइक की भिड़न्त में घायल व मृतकों को उठाने में पूरा सहयोग किया। गुरुवार को पिकअप व बस की टक्कर से फंसे मृतक को एक्सक्वेटर मशीन से निकालने में पूरी मदद की। इसके अलावा वे पानी में डूबे कई लोगों की मदद कर चुके हैं।
केस-2 अपनों को छोड़ घायलों को पहुुंचाया पहले ग्लास फैक्ट्री सुन्दरवास निवासी भगवतीलाल लोहार ने सडक़ पर तड़प रहे दो लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर उनकी जिंदगियां बचाई। भगवती अपने परिवार के सदस्यों के साथ कार से जयसमंद (दौलपुरा) से उदयपुर आ रहे थे। शाम 5.30 बजे केवड़े की नाल के निकट अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार वीरमा व उसकी पत्नी संजू घायल हो गए। खून से लथपथ दोनों सडक़ पर पड़े हुए। मौके से कई वाहन गुजरे, लेकिन किसी ने उन्हें नहीं संभाला। भगवती ने तुरंत अपनी गाड़ी रोकी और दोनों घायलों को जैसे-तैसे परिवार के साथ अपनी गाड़ी में डालकर उदयपुर अस्पताल लेकर पहुंचे। समय पर उपचार मिलने से दोनों की जिंदगी बच गई।
केस-3
नाई थानाक्षेत्र के वरड़ा गांव में गत शुक्रवार को हुए हादसे में गांव के ही भगवतसिंह व पुलिस की मदद से चार जिंदगियां बच गई। नाई थानाधिकारी मुकेश सोनी का कहना है कि हादसे के बाद तुरंत बाद भगवतसिंह ने ही सभी को कॉल कर हादसे की जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने से पहले अपने स्तर पर मदद में जुटे रहे। पुलिस के पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने खुद खाई उतरकर डम्पर में फंसे चार जनों को बाहर निकालकर उन्हें अस्पताल पहुंचकर उनकी जिंदगी बचाई। पुलिस ने इस हादसे के बाद भगवतसिंह से पूछताछ व गवाह बनाने के बजाय उन्हें ग्रामीणों के समक्ष सम्मानित करते हुए नकद पुरस्कार भी दिया।
नाई थानाक्षेत्र के वरड़ा गांव में गत शुक्रवार को हुए हादसे में गांव के ही भगवतसिंह व पुलिस की मदद से चार जिंदगियां बच गई। नाई थानाधिकारी मुकेश सोनी का कहना है कि हादसे के बाद तुरंत बाद भगवतसिंह ने ही सभी को कॉल कर हादसे की जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने से पहले अपने स्तर पर मदद में जुटे रहे। पुलिस के पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने खुद खाई उतरकर डम्पर में फंसे चार जनों को बाहर निकालकर उन्हें अस्पताल पहुंचकर उनकी जिंदगी बचाई। पुलिस ने इस हादसे के बाद भगवतसिंह से पूछताछ व गवाह बनाने के बजाय उन्हें ग्रामीणों के समक्ष सम्मानित करते हुए नकद पुरस्कार भी दिया।
मुहैया होगी सुविधा
घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के बाद अगर किसी तरह की वहां कोई सुविधा व चिकित्सक नहीं मिलता है तो लोग इसकी सूचना सीएमएचओ कार्यालय के कंट्रोल रूम पर दे सकते हैं। वहां से एक बार त्वरित सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के बाद अगर किसी तरह की वहां कोई सुविधा व चिकित्सक नहीं मिलता है तो लोग इसकी सूचना सीएमएचओ कार्यालय के कंट्रोल रूम पर दे सकते हैं। वहां से एक बार त्वरित सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ
लोग यह भ्रांति दूर करे कि कि किसी घायल को अस्पताल पहुंचाने पर पुलिस उनसे पूछताछ करेंगी। पुलिस ऐसा कुछ नहीं कर उन्हें प्रोत्साहित कर पुरस्कृत करेगी। गोपाल स्वरूप मेवाड़ा, एएसपी
लोग यह भ्रांति दूर करे कि कि किसी घायल को अस्पताल पहुंचाने पर पुलिस उनसे पूछताछ करेंगी। पुलिस ऐसा कुछ नहीं कर उन्हें प्रोत्साहित कर पुरस्कृत करेगी। गोपाल स्वरूप मेवाड़ा, एएसपी