— सभी के रोके अवकाशनिरीक्षण को लेकर कॉलेज प्रशासन ने सभी चिकित्सकों के अवकाश रोक दिए हैं। कई वैवाहिक आयोजनों से लेकर अन्य बीमारियों का हवाला दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन मान नहीं रहा। प्रशासन का कहना है कि कभी भी निरीक्षण हो सकता है, ऐसे में एक भी चिकित्सक के अवकाश की जोखिम नहीं ली जा सकती। निरीक्षण के बाद व्यवस्थाएं देखकर अवकाश दिए जा सकते हैं।
— एमसीआई केवल ये मानती है- एमसीआई की नजर में केवल ये अवकाश ही मान्य है, नहीं तो चिकित्सक नियमित होने के बावजूद यदि निरीक्षण के दिन अनुपस्थित है तो उस चिकित्सक को उस मेडिकल कॉलेज में होने की बात एमसीआई स्वीकार नहीं करता।- यदि कोई प्रोफेसर जो स्वयं दूसरे कॉलेज में एमसीआई का निरीक्षण करने जा रहा है तो माना जाता है।- मेटरनिटी लीव होने पर।- किसी कान्फ्रेंस में जा रहे हो और वह भी बतौर स्पीकर तो अवकाश मान्य।- किसी न्यायालय मामले में पक्ष-विपक्ष गवाही के लिए।- किसी अन्य कॉलेज में बतौर परीक्षक बनकर परीक्षा लेने जा रहे हो तो अवकाश माना जाएगा।
—- ये अवकाश मान्य नहीं:- यदि कोई बुखार से पीडि़त है या बीमार भी है तो अमान्य- परिवार में वैवाहिक आयोजन अमान्य।- चाइल्ड केयर लीव अमान्य- किसी के दाह संस्कार में जाने या अन्य पारिवारिक कारण अमान्य।- सिकनेस सर्टिफिकेट नहीं माना जाएगा।
—- बायोमेट्रिक, रजिस्टर या कैमरे को भी नहीं मानती एमसीआईयदि कोई चिकित्सक नियमित आ रहा है, लेकिन निरीक्षण के दिन किसी कारण से वह उपस्थित नहीं हो पाया तो एमसीआई की नजर में वो चिकित्सक उस मेडिकल कॉलेज में है ही नहीं। यानी एमसीआई को यदि किसी की अनुपस्थिति का कारण, पुरानी बायोमेट्रिक हाजिरी या सीसीटीवी फुटेज भी दिखा देंगे तो भी उस डॉक्टर का होना नहीं माना जाएगा। यहीं नहीं यदि कोई चिकित्सक नियमित रजिस्टर में हस्ताक्षर कर रहा है, बकायदा उसका वेतन उठ रहा है, इसके बाद भी एमसीआई नहीं मानती।
— अप्रेल में ये मामला आया था सामनेगत अप्रेल में जब 150 एमबीबीएस की सीटों को कन्फर्म किया गया था, उस समय होने वाले एमसीआई निरीक्षण के लिए सभी चिकित्सकों के अवकाश निरस्त किए गए थे। ऐसे में कोटा के एक चिकित्सक को अपने ससुर की मौत के बाद दाह संस्कार में जाने से रोक दिया गया था।
— ऑफ इंस्पेक्शन ही गिना जाएगायदि कोई निरीक्षण के दिन नहीं है तो इन पांच कारणों को छोड़कर हर कारण अमान्य है। ऐसे में चिकित्सकों के अवकाश रोकने पड़े हैं, क्योंकि 250 सीटों के लिए पूरा स्टाफ व सभी चिकित्सक होने अनिवार्य है।
डॉ. लाखन पोसवाल, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज