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VIDEO: उदयपुर में निजी मकान होने के बावजूद मेडिकल प्रोफेसर्स को आवंटित हैं सरकारी आवास, क्यों हो रहा ऐसा, जानें पूरा सच

locationउदयपुरPublished: Nov 01, 2017 01:25:50 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

उदयपुर. सरकारी ‘सफेदपोश’ निजी कमाई के फेर में कानून-कायदों को ठेंगा दिखा रहे हैं।

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उदयपुर . सरकारी ‘सफेदपोश’ निजी कमाई के फेर में कानून-कायदों को ठेंगा दिखा रहे हैं। शपथ-पत्र में निजी आवास नहीं होने की घोषणा कर आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स एवं वरिष्ठ चिकित्सकों ने सरकारी आवास आवंटित करवाए और इनका उपयोग सिर्फ निजी प्रेक्टिस के लिए कर रहे हैं। इसका उद्देश्य चिकित्सालय परिसर आने वाले रोगियों की उनके सरकारी आवास पर आसान पहुंच है। इतना ही नहीं ये वरिष्ठ चिकित्सक निजी प्रेक्टिस के फेर में एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के कायदे भी झूठलाने में पीछे नहीं हैं।
एमसीआई के अनुसार सरकारी प्रोफेसर्स निजी और सरकारी आवास में ही प्रेक्टिस कर सकते हैं, लेकिन कॉलेज सहित अन्य राजकीय चिकित्सा संस्थानों में सेवारत चिकित्सक कायदों को ताक में रखकर आवास क्षेत्र से दूर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सेवाएं दे रहे हैं। प्रशासनिक लापरवाही के चलते इतने बेखौफ हैं कि इन प्रतिष्ठानों के बाहर बोर्ड-बैनर पर अपने नाम के साथ सरकारी पद का उल्लेख करने से भी नहीं हिचकिचाते।
 

लेनी होती है शपथ कि पेराफेरी में मेरा कोई मकान नहीं है
नियमानुसार राजकीय मेडिकल कॉलेज सेवा नियमों के तहत प्रत्येक सेवारत चिकित्सक, वरिष्ठ चिकित्सक, प्रोफेसर को सरकारी आवास आवंटन से पहले आवेदन के साथ एक शपथ-पत्र देना होता है। इसमें यह लिखा जाता है कि मैं और मेरे आश्रित किसी व्यक्ति के नाम पर निगम और यूआईटी की पैराफेरी में कोई आवास नहीं है। इस हलफनामे के बाद वरीयता सूची के आधार पर प्रशासनिक अमला चिकित्सकों को उनके लिए भवन का आवंटन करता है।
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फतहपुरा में डॉ. विवेक अरोड़ा का निजी आवास।

कायदा : अपने आवास क्षेत्र में ही कर सकते हैं प्रेक्टिस
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमानुसार राजकीय सेवा में सेवारत चिकित्सक निजी प्रेक्टिस केवल अपने आवास क्षेत्र में कर सकता है। वह किसी भी निजी संस्थान, अन्य किसी बिल्डिंग में वह उसकी सेवाएं तक नहीं दे सकता है। राजकीय सेवारत चिकित्सक परामर्श के नाम पर मरीज से केवल 2 सौ रुपए ही फीस ले सकता है।
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मिनी एमबी हॉस्पिटल… हजारेश्वर कॉलोनी स्थित श्याम कॉम्पलेक्स, जहां राजकीय सेवारत चिकित्सा विशेषज्ञों की निजी प्रेक्टिस को लेकर टांगे गए होर्डिंग्स।

कुछ की शिकायत
डॉ. अरोड़ा के पास निजी मकान है। उन्होंने लिखित में दिया हुआ है कि यूआईटी की ओर से तकनीकी कारणों से निर्माण स्वीकृति बाधित है। उनसे इस बारे में तकनीकी कारण भी लिखित में पूछा गया है। ओपी मीणा, सुधा गांधी सहित अन्य प्रोफेसर्स के खिलाफ शिकायत मिलेंगी तो उचित कार्रवाई की जाएगी। एमसीआई नियम के तहत डॉक्टर घर से दूर प्रेक्टिस नहीं कर सकते हैं।
डॉ. डी.पी.सिंह, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज
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डॉ. शरद मेहता की ओर से बनवाई गई परामर्श पर्ची, जिसमें उनके निजी मकान के अलावा अन्य दो जगहों पर मरीज देखने की लिखी सूचना।

चिकित्सक का नाम निज आवास प्रेक्टिस स्थल-
डॉ. विवेक अरोड़ा
वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ फतहपुरा क्षेत्र सरकारी आवास
(एमबी हॉस्पिटल)
डॉ. सुधा गांधी,
वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ मधुवन क्षेत्र श्याम कॉम्पलेक्स
(जनाना हॉस्पिटल)
डॉ. ओ.पी. मीना,
वरिष्ठ मेडिसिन विशेषज्ञ पायड़ा क्षेत्र सरकारी आवास
(एमबी हॉस्पिटल)
डॉ. बलदेव मीणा,
सहा. मेडिसिन विशेषज्ञ सरकारी आवास श्याम कॉम्प्लेक्स
(एमबी हॉस्पिटल)
डॉ. विजय गुप्ता,
नेत्र रोग विशेषज्ञ मधुवन क्षेत्र श्याम कॉम्पलेक्स
(एमबी हॉस्पिटल)
डॉ. विकास रोहिला,
सहायक आचार्य आवास अलग श्याम कॉम्पलेक्स
(एमबी हॉस्पिटल)
डॉ. कविता बडज़ात्या,
व. चिकित्सा अधिकारी झामरकोटड़ा रोड धानमंडी में दुकान
(धानमंडी)
डॉ. शरद मेहता,
चर्म रोग विशेषज्ञ हिरण मगरी एमबी के सामने
(एमबी हॉस्पिटल)
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