जिन्होंने फ्लैट बेचे होंगे, वे भुगतेंगे
प्रो जेक्ट पूरा नहीं हुआ, उससे पहले ही कुछ लोगों की ओर से फ्लैट बेचने की शिकायतें भी सामने आई हैं। प्रोजेक्ट के भूमि पूजन के समय गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि पिछले रास्ते से कम राशि में गरीबों के मकान हथियाने का तरीका नहीं चले, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। तब कटारिया ने यूआईटी सचिव रामनिवास मेहता को यहां तक कहा था कि मकान देने के बाद यह रेण्डम जांच की जाए कि उसमें कौन
रह रहा है। यूआईटी का कहना है कि यदि फ्लैट बेच भी दिए होंगे तो रजिस्ट्री नहीं हो सकती है, वहीं मकानों की पूरी जांच की जाएगी और जो गड़बड़ी करेगा, वह भुगतेगा।
सुपुर्दगी एक साथ ही होगी
प्रथम चरण भले ही पूरा हो जाए लेकिन जब तक दूसरे चरण का काम पूरा नहीं होगा, उससे पहले किसी को भी मकान सुपुर्द नहीं किए जाएंगे। यूआईटी का मानना है कि प्रथम हो या द्वितीय चरण दोनों के लिए सार्वजनिक सुविधा तो एक साथ ही विकसित की जाएगी। ऐसे में पूरा प्रोजेक्ट होने के बाद ही मकान सुपुर्द करने की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है।
घर के सपने का यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, जो पूरा होने वाला है। यूआईटी इस कार्य को पूरी तेजी के साथ करवा रही है। हाईकोर्ट के आदेश से दूसरा चरण का कार्य रुका था, लेकिन अब निर्णय के बाद दूसरे चरण का कार्य भी शुरू कर दिया। हम सोचते हैं कि ईडब्ल्यूएस, एलआईजी व एमआईजी श्रेणी के लोगों को अपना घर मिलेगा। इस क्षेत्र को पिंडवाड़ा हाइवे से जोडऩे पर भी विचार हो रहा है।
रवीन्द्र श्रीमाली, चेयरमैन यूआईटी