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उदयपुर यूआईटी की मेगा आवास योजना… अगले साल मिलेगी 1696 आशियानों की चाबी

locationउदयपुरPublished: Jan 11, 2018 06:54:16 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

यूआईटी की बड़ी योजना, लिंक रोड भी बना रहे, आवंटन पत्र जारी कर दिए लेकिन सुपुर्दगी काम पूरा होने पर ही

Mega Housing Scheme of Udaipur UIT1696 will be the keys of the Asians

more than 1700 people taken to shelterhome on January 13

उदयपुर . चित्तौडग़ढ़ मार्ग पर नाकोड़ा नगर से अंदर की ओर मेगा आवास योजना के पहले चरण के फ्लैट तैयार हो चुके हैं और दूसरे चरण का काम तेजी से चल रहा है। जिन 1696 आवेदकों के नाम घरों की लॉटरी नाम खुली, वे मकान का कब्जा पाने के लिए यूआईटी और निर्माण स्थल पर जाकर पूछताछ कर रहे हैं। हकीकत यह है कि अभी इस प्रोजेक्ट में एक साल और लगेगा। यह संभावना है कि वर्ष 2019 में सबको अपने घर की चाबी सौंप दी जाए।
राजस्व ग्राम धोलीमगरी, बेड़वास, रकमपुरा एवं रेबारियों का गुड़ा में करीब 8.00 हैक्टेयर भूमि पर सरकार की अफोर्डेबल हाउसिंग योजना के तहत ये मेगा आवास बन रहे हैं। प्रथम चरण के फ्लैटस का निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है, वहीं दूसरे चरण का कार्य शुरू हो गया है। इस कैम्पस तक जाने के लिए यूआईटी ने प्रतापनगर-एयरपोर्ट रोड पर कपिलनगर से आगे एक रोड भी निकाल रही है, जिसका कार्य अभी जारी है। यूआईटी के एसई संजीव शर्मा के अनुसार सार्वजनिक सुविधाओं को विकसित करने का काम शुरू कर दिया गया है।

जिन्होंने फ्लैट बेचे होंगे, वे भुगतेंगे
प्रो जेक्ट पूरा नहीं हुआ, उससे पहले ही कुछ लोगों की ओर से फ्लैट बेचने की शिकायतें भी सामने आई हैं। प्रोजेक्ट के भूमि पूजन के समय गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि पिछले रास्ते से कम राशि में गरीबों के मकान हथियाने का तरीका नहीं चले, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। तब कटारिया ने यूआईटी सचिव रामनिवास मेहता को यहां तक कहा था कि मकान देने के बाद यह रेण्डम जांच की जाए कि उसमें कौन
रह रहा है। यूआईटी का कहना है कि यदि फ्लैट बेच भी दिए होंगे तो रजिस्ट्री नहीं हो सकती है, वहीं मकानों की पूरी जांच की जाएगी और जो गड़बड़ी करेगा, वह भुगतेगा।

सुपुर्दगी एक साथ ही होगी
प्रथम चरण भले ही पूरा हो जाए लेकिन जब तक दूसरे चरण का काम पूरा नहीं होगा, उससे पहले किसी को भी मकान सुपुर्द नहीं किए जाएंगे। यूआईटी का मानना है कि प्रथम हो या द्वितीय चरण दोनों के लिए सार्वजनिक सुविधा तो एक साथ ही विकसित की जाएगी। ऐसे में पूरा प्रोजेक्ट होने के बाद ही मकान सुपुर्द करने की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है।
हाइवे से जोडऩे पर भी विचार
घर के सपने का यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है, जो पूरा होने वाला है। यूआईटी इस कार्य को पूरी तेजी के साथ करवा रही है। हाईकोर्ट के आदेश से दूसरा चरण का कार्य रुका था, लेकिन अब निर्णय के बाद दूसरे चरण का कार्य भी शुरू कर दिया। हम सोचते हैं कि ईडब्ल्यूएस, एलआईजी व एमआईजी श्रेणी के लोगों को अपना घर मिलेगा। इस क्षेत्र को पिंडवाड़ा हाइवे से जोडऩे पर भी विचार हो रहा है।
रवीन्द्र श्रीमाली, चेयरमैन यूआईटी
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