scriptजी-20 के प्रतिनिधि भी देख सकेंगे जीवित विरासत ‘मेवाड़ महोत्सव’ के रंग, इस साल भी छाएगी धूम | Mewar Mahotsav 2023 On 24-26 March, Udaipur, Gangaur Festival | Patrika News

जी-20 के प्रतिनिधि भी देख सकेंगे जीवित विरासत ‘मेवाड़ महोत्सव’ के रंग, इस साल भी छाएगी धूम

locationउदयपुरPublished: Mar 17, 2023 03:08:03 pm

Submitted by:

madhulika singh

पर्यटन विभाग की ओर से मेवाड़ महोत्सव का आयोजन 24 से 26 तक, जी-20 का आयोजन 21 से 23 तक होना है, ऐसे में विभाग प्रतिनिधियों के बीच करेगा प्रचार-प्रसार

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राजस्थान की संस्कृति के साथ मेवाड़ के गौरव एवं लोक संस्कृति को बयां करने वाला गणगौर पर्व अब नजदीक ही है। ये परंपरा एक तरह से जीवित विरासत है। होली के अगले दिन से ही सोलह दिवसीय गणगौर की पूजा शुरू हो चुकी है। वहीं, घर-घर में गणगौर पूजन किया जा रहा है। इस लोक संस्कृति के उत्सव के मौक पर हर साल पर्यटन विभाग की ओर से व जिला प्रशासन के साझे में मेवाड़ महोत्सव का आयोजन होता है। इस साल ये आयोजन 24 से 26 मार्च तक होगा। इस जीवित विरासत के रंग जी-20 के प्रतिनिधि भी देख सकेंगे। दरअसल, जी-20 की बैठक का आयोजन शहर में 21 से 23 मार्च तक होना है। ऐसे में पर्यटन विभाग मेवाड़ महोत्सव का प्रचार-प्रसार प्रतिनिधियों के बीच करेगा। इससे वे भी इस ऐतिहासिक महोत्सव के साक्षी बन सकेंगे।
निकलेंगी पारम्परिक गणगौर की सवारियां

पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से महोत्सव की तैयारियां की जा रही हैं। महोत्सव के दौरान 24 को पारम्परिक गणगौर की सवारियां सज-धजकर निकाली जाएंगी। वहीं, बंसीघाट से गणगौर घाट तक (पिछोला झील) शाही गणगौर नाव में बिठाकर जुलूस के रूप में निकाली जाएगी। इसी दिन शाम गणगौर घाट पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसमें विविध कार्यक्रम के साथ आकर्षक आतिशबाजी भी होगी। वहीं, 25 को विदेशी युगल जोड़ों की पारम्परिक राजस्थानी वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा 24 से 26 तक ग्रामीण गणगौर मेले का आयोजन गोगुन्दा में होगा। यहां भी मेले के साथ सांस्कृतिक संध्या और ग्रामीण हाट का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि जी-20 के प्रतिनिधियों को भी इस महोत्सव के बारे में बताया जाएगा ताकि वे भी इस महोत्सव का हिस्सा बन सकें।———————
1979 में हुई थी शुरुआत

मेवाड़ी परम्परा व संस्कृति के साथ धार्मिक व सामाजिक मान्यताओं को बयां करने वाला मेवाड़ महोत्सव अपने आप में अनूठा है। मेवाड़ महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1979 में हुई थी। गणगौर महोत्सव के प्रचार-प्रसार के लिए व इसके माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने इस महोत्सव का आयोजन शुरू किया। मेवाड़ महोत्सव सर्वप्रथम सिटी पैलेस के माणक चौक प्रांगण में हुआ था। वर्ष 1979 में हुए इस समारोह का हिस्सा मेवाड़ राजघराने के सदस्य, विदेशी मेहमान व आम लोग बने थे। उस समय विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन व प्रतियोगिताएं शुरू की गई।
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