रकबा बढ़ने का मुख्य कारण प्रवासी जुटे खेती में : फसलो का रकबा बढ़ने का मुख्य कारण ग्रामीण इलाकों में अन्य राज्यो में काम धंधे बन्द होने से गांव लौटे प्रवासीयो का कृषि कार्य में जुट जाना हैं। गांवों में इस वक्त खेत खलिहाल में खासी चहल-पहल दिख रही है। दोपहर 12 से तीन बजे तक खेतों में सन्नाटा रहता है लेकिन सुबह-शाम किसानों को काम से फुर्सत नहीं रहती। परिवार के सभी सदस्य खेतों में काम करने में जुट जाते हैं। कोई खेतो की पालियों को साफ कर रहा हौ तो कोई खेतो की हंकाई में जुटा है। तो कोई सिंचाई कर रहा है।
गर्मी के सीजन में जिन फसलों की बुवाई होती है, उनको जायद फसल कहते हैं। वर्ष की दो मुख्य फसलों के बीच में अथवा किसी मुख्य फसल के पहले अपेक्षाकृत् लघु समय में उत्पन्न की जाने वाली फसल या मुख्य फसल के असफल हो जाने पर उसके स्थान पर उगाई जाने वाली फसल अथवा किसी मुख्य फसल की पंक्तियों के मध्य में उगाई जाने वाली फसल को भी जायद या अंतर्वर्ती फसल कहते हैं ।
इनका कहना है :
इस वर्ष 2700 बिघा में जायद फसलो की बुवाई हुई है जो गत वर्ष के मुकाबले दोगुना है। 2019 में 1350 बिघा में बुवाई हुई थी। इस बार हरे चारे के अलावा , कद्दू , मूंग , मक्का , मूंगफली , कपास सहित सब्जियों की बुवाई का रकबा बढ़ा है । वही किसानों को सलाह है की वे खेत की जुताई का काम अक्सर बुवाई के समय करते हैं। जबकि फसल के अच्छे उत्पादन के लिए रबी फसल की कटाई के तुरंत बाद मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई कर खेत को खाली रखना बहुत ही ज्यादा लाभप्रद होगा। गहरी जुताई से दूब, कांस, मोथा, आदि खरपतवारों से भी मुक्ति मिलती हैं। खेत की मिट्टी में ढेले बन जाने से मिट्टी की जलधारण शक्ति अधिक हो जाती हैं। जिससे खेत में ज्यादा समय तक नमी बनी रहती हैं। गर्मी की गहरी जुताई से गोबर की खाद व खेत में उपलब्ध अन्य कार्बनिक पदार्थ भूमि में भली भांति मिल जाते हैं। गर्मी की जुताई करीब 15 सेमी. गहराई तक किसी भी मिट्टी पलटने वाले हल से ढलान के विपरीत करनी चाहिए ।
मदन सिंह शक्तावत, मुख्य ब्लॉक कृषि अधिकारी भींडर
इस वर्ष 2700 बिघा में जायद फसलो की बुवाई हुई है जो गत वर्ष के मुकाबले दोगुना है। 2019 में 1350 बिघा में बुवाई हुई थी। इस बार हरे चारे के अलावा , कद्दू , मूंग , मक्का , मूंगफली , कपास सहित सब्जियों की बुवाई का रकबा बढ़ा है । वही किसानों को सलाह है की वे खेत की जुताई का काम अक्सर बुवाई के समय करते हैं। जबकि फसल के अच्छे उत्पादन के लिए रबी फसल की कटाई के तुरंत बाद मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई कर खेत को खाली रखना बहुत ही ज्यादा लाभप्रद होगा। गहरी जुताई से दूब, कांस, मोथा, आदि खरपतवारों से भी मुक्ति मिलती हैं। खेत की मिट्टी में ढेले बन जाने से मिट्टी की जलधारण शक्ति अधिक हो जाती हैं। जिससे खेत में ज्यादा समय तक नमी बनी रहती हैं। गर्मी की गहरी जुताई से गोबर की खाद व खेत में उपलब्ध अन्य कार्बनिक पदार्थ भूमि में भली भांति मिल जाते हैं। गर्मी की जुताई करीब 15 सेमी. गहराई तक किसी भी मिट्टी पलटने वाले हल से ढलान के विपरीत करनी चाहिए ।
मदन सिंह शक्तावत, मुख्य ब्लॉक कृषि अधिकारी भींडर