पक्षीविद देवेंद्र श्रीमाली ने बताया कि उदयपुर में कई प्रवासी पक्षियों का आवागमन मुख्य रूप से पिछोला के बैक वाटर, रूप सागर, सेक्टर 14 स्थित नैला तालाब में आते हैैं। इस बार झीलें लबालब हुई है, इसलिए जो पक्षी डुबकी लगाकर अपना भोजन ढूंढते हैं वे इस बार अधिक तादाद में आएंगे। जैसे कॉमन पोचार्ड आदि पक्षियों का आगमन समय-समय पर जल की निर्भरता के हिसाब से बदलता रहेगा। वे बताते हैं कि जहां पानी छिछला है वहां आसानी से भोजन की मात्रा प्रचूर रहेगी, इससे पक्षी की संख्या भी वहां अधिक होगी। इस बार जल किनारे ही पक्षी दर्शन हो सकेंगे।
साइबेरिया, मंगोलिया जैसे शीत प्रदेशों में बर्फ जमने के साथ ही भोजन की तलाश में प्रवासी पक्षियों का रुख अन्य क्षेत्रों की ओर हो चुका है। जिले के बर्ड विलेज मेनार में इस बार हुई बम्पर बारिश के बाद दोनों ही बड़े जलाशय लबालब हैं, पानी के फैलाव की वजह से अभी कॉमन कूट, कॉमन पोचार्ड, स्पॉट बिल्ड डक्स, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट जैसे पक्षी दृष्टिगोचर हैं। इस बार पक्षियों के लिए प्रचुुर मात्रा में भोजन उपलब्ध है, वहां मेहमान परिंदों का आना बदस्तूर जारी है और आने वाले दिनों में इनका कुनबा और संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी होगी। कुछ ही दिनों में ग्रेटर फ्लैमिंगो, पेलिकन, कॉमन क्रेन्स जैसे बड़े पक्षियों के आने से पक्षी प्रेमियों के लिए दृश्य बेहद ओर भी रोमांचक हो जाएगा।
ये देसी- विदेशी पक्षी पहुंचे मेनार
पक्षी मित्र दर्शन मेनारिया ने बताया की मेनार के पक्षी विहार धण्ड तालाब पर अब तक 1 दर्जन से अधिक देसी-विदेशी पक्षी पहुंच चुके हैं। अन्य पक्षी भी नवंबर के अंतिम सप्ताह तक आ जाएंगे। धण्ड तालाब पर नॉर्दन शोवलर, पिनटेल, कॉमन टील, कॉमन कूटएग्रीन बी ईटर, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट, कॉमन सैंड पाइपर, गोडविट, केंटिश प्लोवर, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, लैसर सेंड प्लोवर, गार्गेनि, कॉमन पोचार्ड, रडी शेल्डक, रिवर टर्न, कॉरमोरेन्ट, हेरॉन, पाइड किंगफिशर, स्पॉट बिल्ड डक्स, ब्लैक शौल्डर्ड काइट, पाइड एवोसेट, शिकरा, मार्श हैरियर, इजिप्शियन वल्चर देशी विदेशी परिंदे नजर आने लगे हैं।