पहाड़ों को उजाड़ कर पर्यावरण की हत्या करने वाले रसूखदारों को रोकने वाला कोई नहीं। इन्हें बदसूरत करती भारी भरकम मशीनरी पर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं है। अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हुए अपना पल्ला झाडऩे में आगे हैं। वे पहाडि़यों को खोदने वालों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने तक से कतरा रहे हैं। सीसारमा, नाई, बड़ी, कोडि़यात, चीरवा से नाथद्वारा तक, देबारी, उमरड़ा मार्ग पर में धड़ल्ले से पहाडि़यों की चीरा जा रहा है।
पत्रिका टीम पहुंची मौके पर पत्रिका टीम सीसारमा-नान्देश्वर मार्ग पर पहुंची तो देखा कि पहाड़ी को भारी भरकम मशीन लगाकर धड़ल्ले से खोदा जा रहा है। इसी तरह उदयपुर शहर से सटी पहाडि़यों को खोखला किया जा रहा है तो रसूख के भय से अधिकारी कुर्सियों को छोड़ मौका देखने ही नहीं जाते हैं। साथ ही यदि कोई जानकारी चलकर भी आती है तो कार्रवाई करने की बजाय अन्दरखाने इसे निपटाने में जुट जाते हैं। एेसे में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
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कोर्ट ने पूछा ‘क्या हनुमान बन गए हैं लोग’ सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को अरावली पर्वत की ११५ हेक्टेयर भूमि पर हो रही खनन गतिविधियों को तत्काल रोकने के आदेश दिया है। राज्य के मुख्य सचिव से पालना रिपोर्ट मांगी है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि दिल्ली से लगने वाली अरावली पर्वत शृंखला के १३८ पर्वतों में से २८ गायब हो गए हैं। इसे लेकर कोर्ट ने पूछा कि क्या लोग हनुमान बन गए हैं कि वे पर्वतों को समाप्त कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसे लेकर अधिकारियों को बुधवार को जयपुर तलब किया गया था।
कोर्ट ने पूछा ‘क्या हनुमान बन गए हैं लोग’ सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को अरावली पर्वत की ११५ हेक्टेयर भूमि पर हो रही खनन गतिविधियों को तत्काल रोकने के आदेश दिया है। राज्य के मुख्य सचिव से पालना रिपोर्ट मांगी है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि दिल्ली से लगने वाली अरावली पर्वत शृंखला के १३८ पर्वतों में से २८ गायब हो गए हैं। इसे लेकर कोर्ट ने पूछा कि क्या लोग हनुमान बन गए हैं कि वे पर्वतों को समाप्त कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसे लेकर अधिकारियों को बुधवार को जयपुर तलब किया गया था।
ये बोले अधिकारी कल ऑफिस आ जाईए, इस मामले में वहीं बात हो पाएगी। जेके उपाध्याय, डायरेक्टर माइंस एंड ज्यूलॉजी, उदयपुर