उन्होंने खान उद्यमियों को राहत देते हुए खनन संबंधी विभिन्न अनुमतियां प्राप्त करने के लिए सरकार शीघ्र ही सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि इससे खान उद्यमियों की बहुत बड़ी समस्या का निराकरण होगा। उन्हें अलग-अलग जगह चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
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भ्रष्टाचार रोकने के चल रहे प्रयास खान मंत्री ने कहा कि माइनिंग सेक्टर में भ्रष्टाचार, अवैध खनन, भाई भतीजावाद पर अंकुश लगाने के लिए सरकार आईटी को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने खानों की नीलामी ई-ऑक्शन से करने, गैर कानूनी खनन रोकने तथा मोबाइल एप के जरिये उद्यमियों को बेहतर सुविधा देने की भी जानकारी दी। यूसीसीआई के सुझाव पर सकारात्मक रूख अपनाते हुए मंत्री ने कहा कि खनन राजस्व का अधिकाधिक हिस्सा खानों पर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में खर्च किया जाएगा।
उद्यमियों ने ये दिए सुझाव ग्लोबल बिजनेस के जमाने में बेहतर क्वालिटी एवं कम से कम वेस्ट करते हुए अधिकाधिक उत्पादन प्राप्त करने में हम पीछे हैं। हमें इस ओर विशेष ध्यान देना होगा।
मार्बल एवं ग्रेनाइट पर जीएसटी की दर में कमी लाने के सुझाव पर मंत्री ने कहा कि उद्यमी बिना परेशानी के टैक्स अदा कर सकें, यह सरकार की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने जीएसटी काउन्सिल को राज्य सरकार की ओर से पत्र भिजवाया है और केन्द्रीय मंत्री से चर्चा भी जारी है।
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सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है। बैठक में मावली के विधायक दलीचन्द डांगी, नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, खान एवं भू विज्ञान विभाग के निदेशक डीएस मारू तथा विभाग के मधुसूदन पालीवाल, वन विभाग के अधिकारी केएस मथारू के अलावा बड़ी संख्या में संभाग के खान व्यवसाय से जुड़े उद्यमी उपस्थित थे। आरंभ में अध्यक्ष हंसराज चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया।