– इनके लिए पानी का भी नहीं मोल
निर्माण कार्य के तहत यहां इस्तेमाल हो रहे पानी की बर्बादी को लेकर भी कोई गम्भीर नहीं है। प्रथम तल से नीचे की ओर धड़ल्ले से पानी बह रहा था। उस वक्त वहां न तो कोई तराई हो रही थी, न ही कोई और कार्य चल रहा था। सैकड़ों लीटर साफ पानी बहकर नाली में चला जा रहा था।
– 19 चतुर्थश्रेणी कर्मचारी, उजड़ा पड़ा उद्यान
कहने को तो यहां 10 स्थायी और नौ अस्थायी चतुर्थश्रेणी कर्मचारी हैं, लेकिन कॉलेज के अन्दर उद्यान उजड़ा पड़ा है। न तो घास और हरियाली नजर आती है, न साफ-सफाई। कहीं कार्टन बिखरे पड़े हैं, तो कहीं स्टील के वॉश बेसिन में रेती-सीमेंट भरने से वह बंद पड़े हैं। कॉलेज में करीब दो हजार विद्यार्थी प्रवेशित हैं। 13 स्थायी और 11 संविदा पर कार्यरत बाबुओं के अलावा यहां शैक्षणिक स्टॉफ में 72स्थायी शिक्षक भी हैं।