scriptमिजल्स-रुबैला टीका तोडेग़ा वायरस का चक्रव्यूह | Mizals-Rubella Vaccine Toughest Virus Scourge | Patrika News

मिजल्स-रुबैला टीका तोडेग़ा वायरस का चक्रव्यूह

locationउदयपुरPublished: Apr 22, 2019 02:49:22 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

– एमआर टीका लगेगा 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को- पहली से दसवीं तक के बच्चों पर रहेगा फोकस

एमआर टीका लगेगा 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को

एमआर टीका लगेगा 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को

मिजल्स-रुबैला टीका तोडेग़ा वायरस का चक्रव्यूह

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर . रुबैला और मिजल्स (खसरे) से सुरक्षा ढाल के रूप में सरकार अब मिजल्स-रुबैला नामक टीका लेकर आई है, जो इन दोनों बीमारियों के वायरस का चक्रव्यूह तोडेग़ा। केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय ने इसे अब नियमित टीकाकरण में शामिल किया है। अभियान में 9 माह से 15 साल तक के बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए चिकित्सा विभाग ने स्कूलों में संपर्क शुरू कर दिया है। इसमें पहली से दसवीं कक्षा पर फोकस रहेगा।
राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत मिजल्स-रुबैला टीकाकरण में देश के करीब 9 लाख बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। इस एमआर वैक्सिन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है तथा यह पूर्ण रूप से सुरक्षित है। आरसीएचओ डॉ अशोक आदित्य ने बताया कि अभियान के तहत हर जिले के स्वास्थ्य विभाग की ओर से सरकारी, गैर सरकारी, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, आश्रम-छात्रावास, मदरसा तथा आवासीय स्कूल एवं अन्य स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों भी टीकाकरण करवाया जाएगा। शेष बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए प्रशिक्षित मेडिकल टीमों को गांव में भेजकर सभी बच्चों का टीकाकरण करने की योजना बनाई गई है। यदि किसी को एमआर या एमएमआर का टीका पहले लगवाया गया हो तो उसे फिर से यह टीका लगवाया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सभी स्कूलों की सूची मंगवाई जा रही है।
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अमिताभ बच्चन का संदेश भी
इस टीके को लेकर फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने सोशल मीडिया पर यह संदेश दिया है कि इस टीके के लिए कोई अफवाह सुनी हो तो उस पर ध्यान नहीं देकर इसे जरूर लगवाए।
दोनों है गम्भीर बीमारियां

– खसरा
खसरा एक जानलेवा रोग है जो वायरस से फैलता है। बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता व अकाल मृत्यु होने की संभावना रहती है।

रुबैला

इस संक्रामक रोग के लक्षण खसरे जैसे ही होते हैं। यह किसी भी लडक़े या लडक़ी को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रुबैला सिंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है, जो उसके भ्रूण व नवजात के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। मां के इस बीमारी से ग्रस्त होने पर नवजात में विक्रति आ जाती है।
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एमआर के टीके लगवाने के लिए अभियान जल्द शुरू कर रहे हैं, तय उम्र के हर बच्चे को ये टीका लगेगा।

डॉ दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ उदयपुर

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