उदयपुर में उप पंजीयक प्रथम के अन्तर्गत आने वाले शहर के 159 क्षेत्रों की जमीनों पर 25 से 47 प्रतिशत महंगाई की मुहर लगी है तो 97 क्षेत्रों में डीएलसी दर को यथावत रखा गया है। दूसरी ओर उप पंजीयक द्वितीय के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में 224 क्षेत्रों में 25 प्रतिशत, 195 क्षेत्रों में 30 से 47 प्रतिशत डीएलसी दर बढ़ाई गई है। वहीं उप तहसील क्षेत्र बारापाल (गिर्वा) में दरों को 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। इसमें हाईवे के नजदीक 20 से 25 और अन्य में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है।
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कटारिया व अन्य ने बैठक का किया बहिष्कार
बैठक का समय सुबह 11 बजे रखा था, बैठक में शामिल होने पहुंचे प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने एन मौके पर सूचना देने और नई दरों के प्रस्ताव भी एन मौके पर देने को लेकर नाराजगी जताते हुए दस मिनट बाद ही बैठक का बहिष्कार कर दिया, उनके साथ गिर्वा प्रधान तख्तसिंह शक्तावत व अन्य भी बैठक छोड़ बाहर आ गए, इसी बीच बैठक के लिए पहुंचे ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा भी सीढिय़ों से ही कटारिया के साथ लौट गए, वे कक्ष तक भी नहीं गए।
बैठक का समय सुबह 11 बजे रखा था, बैठक में शामिल होने पहुंचे प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने एन मौके पर सूचना देने और नई दरों के प्रस्ताव भी एन मौके पर देने को लेकर नाराजगी जताते हुए दस मिनट बाद ही बैठक का बहिष्कार कर दिया, उनके साथ गिर्वा प्रधान तख्तसिंह शक्तावत व अन्य भी बैठक छोड़ बाहर आ गए, इसी बीच बैठक के लिए पहुंचे ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा भी सीढिय़ों से ही कटारिया के साथ लौट गए, वे कक्ष तक भी नहीं गए।
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ऐसे बढ़ाई दरें शहरी क्षेत्र: उदयपुर शहर का पूर्व में पंजीयक कार्यालय एक ही था, सरकार ने वर्ष 2002 में द्वितीय की स्थापना की थी। शहर के पश्चिम क्षेत्र में उप पंजीयक प्रथम व पूर्व में द्वितीय तय किया गया। डीएलसी में पूर्वी व पश्चिमी भाग अंकित होने से अलग-अलग दर तय होने से ऐसे क्षेत्रों की दर समकक्ष कर पश्चिमी भाग का विलोपित किया गया है। शहरी क्षेत्र व उससे नजदीकी नई कॉलोनियों में पूर्व में क्षेत्रानुसार एबीसी क्षेत्र तय कर उनमें अलग-अलग दर निर्धारित होने से दस्तावेज में कमी, मालियत की व अनावश्यक ऑडिट पैरा गठन होने की संभावना को देखते हुए ये निर्णय लिया गया। इसे देखते हुए एबीसी की दरों में उच्चतम निर्धारित दर में 10 से 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। वहीं एबीसी शब्द को विलोपित कर एक कॉलोनी क्षेत्र किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। शहरी क्षेत्र की शेष सभी कॉलोनियों में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई।
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ऐसे बढ़ाई दरें शहरी क्षेत्र: उदयपुर शहर का पूर्व में पंजीयक कार्यालय एक ही था, सरकार ने वर्ष 2002 में द्वितीय की स्थापना की थी। शहर के पश्चिम क्षेत्र में उप पंजीयक प्रथम व पूर्व में द्वितीय तय किया गया। डीएलसी में पूर्वी व पश्चिमी भाग अंकित होने से अलग-अलग दर तय होने से ऐसे क्षेत्रों की दर समकक्ष कर पश्चिमी भाग का विलोपित किया गया है। शहरी क्षेत्र व उससे नजदीकी नई कॉलोनियों में पूर्व में क्षेत्रानुसार एबीसी क्षेत्र तय कर उनमें अलग-अलग दर निर्धारित होने से दस्तावेज में कमी, मालियत की व अनावश्यक ऑडिट पैरा गठन होने की संभावना को देखते हुए ये निर्णय लिया गया। इसे देखते हुए एबीसी की दरों में उच्चतम निर्धारित दर में 10 से 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। वहीं एबीसी शब्द को विलोपित कर एक कॉलोनी क्षेत्र किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। शहरी क्षेत्र की शेष सभी कॉलोनियों में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई।
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ग्रामीण क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में गांव सडक़ आबादी के पास व दूर की डीएलसी में बदलाव किया गया है। सडक़ की 30 फीट चौड़ाई होने वाले क्षेत्रों में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों व पेराफेरी क्षेत्रों में नई कॉलोनियों में वर्तमान से अधिक दस्तावेज पंजीयन के लिए आ रहे हैं, ऐसे में डीएलसी दर बाजार मूल्य से कम होने के कारण लोगों को आवास निर्माण में परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए उन क्षेत्रों में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। डीएलसी में 30 फिट से अधिक चौड़े रास्ते के लिए 40 से 59 प्रतिशत व 60 से 99 व 100 फिट पर पहले की हरत ही प्रत्येक स्लेब पर 10-10 प्रतिशत बढ़ाकर मालियक निर्धारण प्रक्रिया यथावत रखी गई। कृषि भूमि की पूर्व दर, सिंचित, असिंचित दर सड़ के पास व दूर की दरों में संशोधन किया गया, इसमें राष्ट्रीय मार्ग से 100 मीटर व 100 से 200 मीटर तक की पेराफेरी में 10 प्रतिशत दर बढ़ाई गई है।
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इनका कहना है… जिला कलक्टर के यहां इस बैठक में वे हमसे छाप ही लगवाना चाहते हैं, लेकिन हम जनप्रतिनिधि इसके लिए नहीं है। एक तो बैठक शुक्रवार को होने पर भी एक दिन पहले गुरुवार रात हमें सूचना दी गई। सूचना के साथ किस तरह का दर बढ़ाने का प्रस्ताव है, इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई। बैठक में गए तो हमारी सीट के आगे प्रस्ताव की कॉपी रखी हुई थी, यानी केवल हमारी छाप ही लगानी है। हमे जनता को जवाब देना पड़ता है। इसलिए हमें बहिष्कार करना पड़ा।
– गुलाबचंद कटारिया, प्रतिपक्ष नेता विधानसभा
इनका कहना है… जिला कलक्टर के यहां इस बैठक में वे हमसे छाप ही लगवाना चाहते हैं, लेकिन हम जनप्रतिनिधि इसके लिए नहीं है। एक तो बैठक शुक्रवार को होने पर भी एक दिन पहले गुरुवार रात हमें सूचना दी गई। सूचना के साथ किस तरह का दर बढ़ाने का प्रस्ताव है, इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई। बैठक में गए तो हमारी सीट के आगे प्रस्ताव की कॉपी रखी हुई थी, यानी केवल हमारी छाप ही लगानी है। हमे जनता को जवाब देना पड़ता है। इसलिए हमें बहिष्कार करना पड़ा।
– गुलाबचंद कटारिया, प्रतिपक्ष नेता विधानसभा
—– बैठक में सभी प्रस्ताव स्वीकृत कर लिए गए हैं, अब ये दरें ही लागू रहेंगी।
आनन्दी, जिला कलक्टर
आनन्दी, जिला कलक्टर