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VIDEO: सुविवि दीक्षांत समारोह में मांगीलाल गरासिया ने अपने जीवन से जुड़ी बताई ये बड़ी बात

locationउदयपुरPublished: Dec 23, 2017 04:20:30 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

उदयपुर. मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय का 25 वाँ दीक्षांत समारोह शनिवार को विवेकानंद सभागार में दोपहर को शुरू हुआ।

MLSU convocation ceremony udaipur
उदयपुर . मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय का 25 वाँ दीक्षांत समारोह शनिवार को विवेकानंद सभागार में दोपहर को शुरू हुआ। राज्यपाल कल्याण सिंह ने पहले डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी की उपाधियां दी। पहले कुलपति जेपी शर्मा ने प्रतिवेदन दिया फिर वाणिज्य संकाय में डॉक्टर की उपाधि, सामाजिक विज्ञान संकाय में डॉक्टर की स्नातक डिग्री ली। पूर्व मंत्री माँगीलाल गरासिया ने भी सामाजिक विज्ञान में डिग्री ली। गरसिया ने पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा की मन की ताकत से हर काम आसान हो जाता है, राजनीति से हटकर ये मेरा दूसरा पहलू था कि शिक्षण में भी अपना बेहतर नाम हो।
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दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक: विनिमा झाँगिड, निखिल चौधरी, प्राची बंधु, पुष्पु जोशी, मोनिका राठौड़, प्रियंका चौहान को अलग अलग विषयों में दिया गया। इसी तरह 2016 हर्षिता, भारत मेघवाल, श्रुति, तनुश्री को भी अलग अलग विषयों में स्वर्ण पदक दिया गया।
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राष्ट्रीय पुस्तक न्यास अध्यक्ष बलदेव भाई ने कहा कि इस देश की शुरुआत इसलिए हुई है की हम पूरी दुनिया को मनुष्यता का ज्ञान दें। शिक्षा जीवन का विकास कर नर से नारायण बनाती है। स्वामी विवेकानंद ने कहा कि शिक्षा मानव में देवत्व की शुरुआत करती है। उन्होंने महाभारत का एक प्रसंग सुनाया और कहा कि सत्य की परिभाषा क्या है। शिक्षित व्यक्ति में ईश्वर की ओर ले जाने की शक्ति होती है।
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इस मौके पर राज्यपाल कल्याणसिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान के केंद्र है, लेकिन हमें इसे कौशल विकास केंद्र भी बनाना है। सामाजिक भागीदारी बढ़ानी चाहिए, ताकि आम लोगों को भी शोध का फायदा मिले। सिंह ने कहा की गाँव को गोद लेने की योजना का लाभ मिल रहा है। विवि को उपलब्ध संसाधनों में पढाकर गुणवत्ता का ध्यान रखना है। विवि का दायित्व सामाजिक सरोकारों से जुड़ना चाहिए। समाज विज्ञान संकाय एसे मुद्दों का चयन करें। आपसी बातचीत व सम्भाशन में संयमित व विनम्रता की कमी है लेकिन अर्थपूर्ण, गम्भीर कला नई पीढ़ी में आए ये शिक्षा की सफलता है।
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