——- विवि कैंपस में हंगामा… ये लगाया रजिस्ट्रार देवासी ने आरोपरजिस्ट्रार सीआर देवासी ने कुलपति पर आरोप लगाया कि कुलपति प्रो सिंह ने गेस्ट हाउस में बैठक का आयोजन किया। जिसमें उन पर व वित्त नियंत्रक राठौड़ के साथ बिना बुलाए विवि के छात्रों व प्राइवेट महाविद्यालय के मालिकों ने आकर हाथापाई कर दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी इसकी जानकारी दी। रजिस्ट्रार देवासी ने बताया कि बैठक में आकर हंगामा कर रहे प्राइवेट कॉलेज मालिकों व छात्र नेताओं का वीडियो वित्त नियंत्रक बना रहे थे, इस दौरान उनका फोन भी छीन लिया, और उनके साथ हाथापाई व धक्का मुक्की की। फोन भी पुलिस की मध्यस्थता के बाद लौटाया गया। पुलिस को लिखे पत्र में रजिस्ट्रार व वित्त नियंत्रक ने जानकारी दी कि बैठक मेंं उनके अलावा दो सीए केशव मालू व एससी अजमेरा भी थे। बैठक में वह कुलपति प्रो. सिंह का इन्तजार कर रहे थे इस दौरान वहां पर निजी कॉलेजों के पंकज चौधरी, वसीम खान व हिम्मत बया सहित करीब 20-25 लोग आए और जीएसटी के विषय पर उन दोनो (रजिस्ट्रार व वित्त नियंत्रक) से बहस करने लगे। बाद में सभी ने वहां धमकी देने, धक्का देकर मोबाइल छीनकर तेज आवाज में अभद्र शब्दोंं का इस्तेमाल किया। जब वे प्रशासनिक भवन की ओर जाने लगे तो उन्हें रोका और धक्का मुक्की की। पत्र में छात्र नेता चिराग चौधरी व कुशलेश चौधरी पर भी फोन का लॉक नहीं खोलने को लेकर विवि के बाहर वित्त नियंत्रक को देख लेने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पूरे घटनाक्रम के बाद वहा कुलपति सिंह पहुंचे और उन्होंने निजी कॉलेजों से आए प्रतिनिधियों से बात की।
—– हम सरकारी आदेशों की पालना में काम कर रहे है। जीएसटी को लेकर ऑडिट पेरा बना हैे, 2017 से सरकार ये बकाया राशि मांग रही है। अधिकांश निजी कॉलेजो ने फीस के साथ जीएसटी जमा कर दी है, कुछ कॉलेजों ने नहीं की है, कुलपति नियमों के इतर जाकर इन कॉलेजों का सपोर्ट कर रहे हैं, निजी कॉलेज प्रतिनिधि कुलपति के साथ मिलकर परीक्षा पोर्टल खोलने व नियमों को तोडऩे का दबाव बना रहे हैं, हमारे साथ आज अभद्रता, हाथापाई व धक्कामुक्की हुई है। इसे लेकर पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।
सीआर देवासी, रजिस्ट्रार एमएलएसयू- —– जीएसटी की बैठक थी। विवि से सम्बद्ध प्राइवेट कॉलजों से फीस के साथ जीएसटी लगता है, ऑउिट टीम ने पेरा बनाया है, ज्यादातर कॉलेज ने जमा करवाए हैे, कुछ जमा नहीं करवाना चाहते। बैठक में आकर वसीन खान व पंकज चौधरी ने हंगामा किया, अभद्रता की, करीब 25 लोग आए थे, मै इसलिए वीडियो बना रहा था ताकि वह हंगामा बंद कर दें, लेकिन मेर हाथ से फोन छीन लिया। मुझे चिराग व कुशलेश ने धमकी दी। बाद में पुलिस बुलानी पड़ी।
दलपतसिंह राठौड, वित्त नियंत्रक एमएलएसयू —— मेरा स्वास्थ्य ठीक नही था, रजिस्ट्रार ने ही बैठक बुलाई थी। राजस्थान विवि व कोटा में विवि ने जीएसटी लिया जिसे वापस देना पड़ा। मुझ पर आरोप बेबनियाद है। जीएसटी पर रोक के लिए आदेश दिए थे, लेकिन रजिस्टार ने इन आदेशों सहित मेरे कई आदेशो को नहीं माना है। जानकारी राजभवन को देकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। जीएसटी को लेकर परीक्षाओं में देरी हो रही है।
प्रो अमेरिकासिंह, कुलपति एमएलएसयू ——- पिछले चार माह से रजिस्ट्रार व कन्ट्रोलर मुर्ख बना रहे है, हमने लिखकर दिया कि जीएसटी हम पर लागू नहीं है, दोनों इस बात व आदेशों को नहीं मान रहे। हमने कोई हंगामा नहीं किया, आरोप सरासर गलत हैं। राजस्थान विवि, एमपीयूएटी सहित कई्र विवि जीएसटी नहीं ले रहे है। जिन विवि ने जीएसटी लिया वह उसे लौटा रहे हैं। कोटा विवि ने भी लौटाया था। कुलपति ने स्पष्ट आदेश दिया जिसे ये नहीं मान रह। हमने ऑडिट पेरा को हटवाने का लिखा था, 12 दिसम्बर का पत्र है। वे हमारे सीए को जानकारी नहीं दे रहे। 122 कॉलेजो के परीक्षा आवेदन रोक दिए। हम केवल बैठक की सूचना पर बात करने आए थे।
वसीम खान, अध्यक्ष स्व वित्त पोषित निजी महाद्यिालय समिति उदयपुर संभाग