जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में दीपावली से पूर्व ऑनलाइन आवेदन पर गत वर्ष की तरह ही परीक्षा शुल्क लग रहा था। फिर विवि ने आवेदन बंद कर दिए। दीपावली के बाद नवम्बर में पुन: ऑनलाइन आवेदन शुरू किए गए, तो उसमें प्रत्येक पाठ्यक्रम में परीक्षा शुल्क करीब 600 से एक हजार रुपए बढकऱ थी। शिकायतों पर राजस्थान पत्रिका ने पड़ताल की। सामने आया कि विश्वविद्यालय जो फीस बढ़ाई है, उसमें ई-सुविधा फॉर्म में 150 रुपए की सीधे बढ़ोतरी की गई है। पहले यह फॉर्म 100 रुपए का था। अब 250 रुपए लिए जा रहे हैं। इसी तरह परीक्षा शुल्क 1700 रुपए से बढ़ाकर 2450 रुपए कर दिया गया है। एमकॉम बिजेनस फाइनल के लिए 11 अक्टूबर को शुल्क 2166 था, जो 3 नवम्बर को बढ़ाकर 2750 रुपए कर दिया गया।
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आवेदन में भी आ रही तकनीकी समस्या
विद्यार्थियों को बढ़ा शुल्क चुकाने के साथ ही आवेदन में तकनीकी समस्याओं का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। विद्यार्थियों को आवेदन करते समय सब्जेक्ट शो नहीं होने, गत वर्ष के रोल नम्बर एक्सेप्ट नहीं करने, आवेदन पर डुप्लीकेट और इनवेलिड फॉर्म बताने आदि समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आवेदन में भी आ रही तकनीकी समस्या
विद्यार्थियों को बढ़ा शुल्क चुकाने के साथ ही आवेदन में तकनीकी समस्याओं का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। विद्यार्थियों को आवेदन करते समय सब्जेक्ट शो नहीं होने, गत वर्ष के रोल नम्बर एक्सेप्ट नहीं करने, आवेदन पर डुप्लीकेट और इनवेलिड फॉर्म बताने आदि समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व आवेदकों से लेंगे बकाया शुल्क
दीपावली से पूर्व अक्टूबर में जिन विद्यार्थियों ने आवेदन किए थे, उनसे बकाया परीक्षा शुल्क लिया जाएगा। राजभवन के आदेशों के तहत फीस बढ़ाई है। यह फेज पूरा होने के बाद बकाया राशि लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। तकनीकी कारणों से कोई आवेदन नहीं कर पा रहा है तो उसके लिए आवेदन तिथि बढ़ाएंगे।
आर.सी. कुमावत, मुख्य परीक्षा नियंत्रक, सुविवि