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MLSU : निजी कॉलेजों की मनमानी पर रोक लगााने के लिए सुविवि ने उठाया ये कदम…

locationउदयपुरPublished: Sep 26, 2017 02:43:55 pm

Submitted by:

krishna tanwar

निरीक्षण में आवश्यक संसाधन नहीं मिलने पर होगी कार्रवाई

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उदयपुर . सुखाडि़या विश्वविद्यालय ने सम्बद्ध निजी महाविद्यालयों पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। उन्हें भवन, सुविधाओं व संसाधनों की जानकारी ऑनलाइन करने के साथ जियोटेंगिग करनी होगी। कुलपति प्रो. जेपी शर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया से निजी महाविद्यालयों की मनमानी पर रोक लगेगी। साथ ही संसाधन एवं सुविधा के संबंध में विश्वविद्यालय को गलत जानकारी देने वालों की वास्तविकता सामने आ सकेगी और पारदर्शिता आएगी। साथ ही महाविद्यालय को मोटी फीस देकर पढऩे वाले विद्यार्थियों को नियमानुसार सुविधाएं मिल सकेंगी।
प्रो. शर्मा ने बताया कि विवि की टीम सम्बद्ध महाविद्यालयों का औचक निरीक्षण कर संसाधनों की सत्यता की जांच करेंगी। टीम में विश्वविद्यालय के दो शिक्षक, वकील, पत्रकार व एक आर्किटेक्ट शामिल रहेगा। प्रपत्र में दी गई जानकारी गलत पाई जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अतिरिक्त कुलसचिव मुकेश बारबर ने बताया कि सम्बद्धन को लेकर ऑनलाइन आवेदन व्यवस्था की जाएगी। महाविद्यालय उनके पास उपलब्ध संसाधनों की जानकारी वेबसाइट पर लोड करेंगे। विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षक, बैठक व्यवस्था, लैब, पुस्तकालय आदि की जानकारी देनी होगी। संसाधनों के फोटो व वीडियो भी सबूत होंगे।
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यह व्यवस्था इसलिए
अतिरिक्त कुलसचिव ने बताया कि कॉलेज निदेशालय से मान्यता के बाद महाविद्यालय विवि में सम्बद्धता के लिए आवेदन करते हैं। इस दौरान पूर्ण संसाधन जुटाने को लेकर महाविद्यालयों को निश्चित समय दिया जाता है, लेकिन कई बार महाविद्यालय इसका गलत फायदा उठाते हुए आवश्यक संसाधन लम्बे समय तक उपलब्ध नहीं करवाते हैं।
यह है जियोटेगिंग
जियोटेगिंग भौगोलिक पहचान का माध्यम होता है। इसमें स्थान विशेष को लेकर वीडियो, फोटो की जानकारी मांगी जाती है। इसके तहत कोई महाविद्यालय सम्बद्ध होने के लिए आवश्यक सुविधाओं के होने का दावा करता है। तो उससे संसाधनों के वीडियो, फोटोग्राफ्स आदि मांगे जाएंगे। इससे महाविद्यालय सम्बद्ध होने के लिए गलत जानकारी नहीं दे सकेंगे।
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