उदयपुर

सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में घमासान, कुलपति ने किया रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त

Mlsu University: सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों में गड़बडिय़ों की जांच को लेकर कुलपति और रजिस्ट्रार के बीच खिंचतान शनिवार को उस समय हद पार कर गई कि जब कुलपति प्रो जेपी शर्मा ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए रजिस्ट्रार हिम्मतसिंह भाटी को कार्यमुक्त कर दिया। उनकी जगह पर प्रो सोरल को रजिस्ट्रार का कार्यभार भी संभला दिया गया।

उदयपुरJul 21, 2019 / 11:48 am

madhulika singh

चंदनसिंह देवड़ा/उदयपुर . सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों में गड़बडिय़ों की जांच को लेकर कुलपति और रजिस्ट्रार के बीच खिंचतान शनिवार को उस समय हद पार कर गई कि जब कुलपति प्रो जेपी शर्मा ने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए रजिस्ट्रार हिम्मतसिंह भाटी को कार्यमुक्त कर दिया। उनकी जगह पर प्रो सोरल को रजिस्ट्रार का कार्यभार भी संभला दिया गया। भाटी अवकाश पर थे, जिससे उनके आवास पर कार्यमुक्त करने का आदेश भेज दिया गया, वहीं सरकार को भी सूचना दे दी गई। इससे पूर्व सूटा के बैनर तले विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने रजिस्ट्रार पर गोपनीय जानकारियां लीक करने और शिक्षकों के साथ दुव्र्यवहार करने की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इस घटनाक्रम से विश्वविद्यालय में हडक़ंप मच गया।
पत्रिका की खबर के बाद यों चला घटनाक्रम
संभागीय आयुक्त से विश्वविद्यालय के कुछ अधिष्ठाता और शिक्षक शुक्रवार को मिले और रजिस्ट्रार की शिकायत की।
शनिवार को पत्रिका ने 2012 भर्ती गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट तैयार होने संबंधी खबर प्रमुखता से प्रकाशित की जिससे हडक़ंप मच गया।
सूटा के बैनर तले कुलपति को ज्ञापन देकर रजिस्ट्रार को हटाने का दबाव बनाया गया।
कुलपति ने आरोप पत्र तैयार कर रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त करने का आदेश उनके निवास पर भेज दिया।
रजिस्ट्रार ने कहा चहेतों को बचाने के लिए कुलपति ने मुझे हटाने का खेल खेला मैने मुख्यमंत्री, प्रमुख शासन सचिव को जानकारी दे दी है।
शाम को संभागीय आयुक्त बोले रजिस्ट्रार को कुलपति नहीं हटा सकते।
कुलपति ने यह लिखा आदेश में
आदेश में कुलपति प्रो शर्मा ने लिखा कि समाचार पत्रों में आपके नाम से समाचार प्रकाशित हो रहे हैं जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है। शिक्षकों ने संभागीय आयुक्त और मुझे शिकायत करते हुए आपके द्वारा दुव्र्यवहार करने एवं प्रशासनिक गोपनीयता भंग करने की शिकायत की। साथ ही लम्बे समय से प्रशासनिक कार्यों की अवहेलना, कुलपति के बिना अनुमति के आदेश प्रसारित करने, प्रबंध मंडल के एक सदस्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने का काम किया। प्रस्तावित नेक टीम के निरीक्षण की तैयारियों में असहयोग से शिक्षकों मे रोष है। आपके निजी शैक्षणिक संस्थान चल रहे हैं जिससे स्वयं की निष्पक्षता भी संदिग्ध है। इससे कार्यमुक्त किया जाता है।

ये बोले हिम्मतसिंह भाटी
कुलपति अपने चहेतों को बचाना चाह रहे हैं, मैं वहीं करूंगा जो सरकार कहती है। कुलपति बड़े भाई की तरह है, वे मुझे रिलीव कर सकते हैं या नहीं, यह बात अलग है। मैंने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय और विभागीय प्रमुख शासन सचिव को दे दी है। वर्ष 2012 व 2018 में हुई भर्तियों की जांच के चलते कुलपति और उनके कुछ खास लोग चाहते हैं कि वे मुझे हटा देंगे तो बच जाएंगे। शनिवार को मैं अवकाश पर था, लेकिन यह पत्र मुझे मिल गया है। कुलपति सीधे तौर पर मुझे रिलीव कर रहे हैं, जबकि नियमानुसार तो उन्हें पहले सरकार को लिखना होता है। सरकार तय करती है कि मुझे रिलीव करना है या नहीं। जी सोरल सीट पर नहीं बैठ सकते हैं, यदि बैठे हैं तो गलत है, क्योंकि मेरी अनुपस्थिति में मेरा कार्यभार हमेशा नियंत्रक संभालते हैं। केवल मीडिया में खबरे देने के झूठे आरोपों के जरिए मुझे हटाया गया है, यह आरोप भी समझ से परे है।
कुलपति सरकार के निर्देश के बगैर रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त नहीं कर सकते है। मैं भी बगैर सरकारी अनुमोदन के रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त नहीं कर सकता हूं। यदि कोई गलती है या कुछ समस्या है तो संबंधित प्रमुख शासन सचिव से चर्चा के बाद उनकी स्वीकृति लेकर ऐसा किया जा सकता है। राज्य प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारी को हटाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है। नियमानुसार यह रिलीविंग मान्य नहीं है। विकास एस भाले, संभागीय आयुक्त उदयपुर

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