उदयपुर. मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि में अब असिस्टेंट प्रोफेसर्स पर ई लाइब्रेरी के लिए ई- बुक्स तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। यहां सभी असिस्टेंट प्रोफेसर्स को अपने-अपने विषय की ई-बुक्स तैयार करनी होगी। ताकि विभिन्न विषयों की ई-बुक्स तैयार होते ही सभी विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ सकेंगे। कुलपति अमेरिका सिंह ने इसे लेकर आदेश जारी किए हैं। हालांकि ये काम एसोसिएट प्रोफेसर्स को नहीं सौंपा गया है, यदि ये काम उन्हें भी दिया जाता तो उनके अधिक अनुभव का लाभ विद्यार्थियों को मिल पाता।
——- ना कोई डेड लाइन और ना ही काम की पाबंदी फिलहाल जो आदेश जारी किया गया है, उसकी कोई डेडलाइन तय नहीं की गई है। यदि कोई इसे तैयार नहीं भी करता है तो ऐसी कोई बाध्यता की उस पर तलवार नहीं लटकाई गई है। हालांकि कुलपति ने जल्द से जल्द ये कार्य सभी को पूरा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि इस महामारी के दौर में विद्यार्थियों को फायदा मिल सके।
—– अब तक ऐसे चल रहा था काम – एमएचआरडी के माध्यम से अब तक विद्यार्थियों के लिए सुनेट चलाया जा रहा है। सुनेट से वहीं विद्यार्थी पढ़ सकता है जो विवि या कॉलेज परिसर में हो। विद्यार्थी इसे अपने यूजऱ आइडी के माध्यम से खोल सकते है। सुनेट का मलतब है सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी नेटवर्क।
– अभी विवि के पास ई लाइब्रेरी में10 हज़ार जनरल, 28 डेटा बेस और 467 इ बुक्स हैं। कुछ वर्ष पहले करीब पांच लाख रुपए खर्च कर ये ई बुक्स का खरीदी गई थी। एमएचआरडी ने कऱीब छह करोड़ खर्च कर ये जनरल व डेटा बेस उपलब्ध करवाएं थे, जिसे केवल कैंपस परिसर में ही खोला जा सकता था। वर्तमान में जो ई लाइब्रेरी है इसका विद्यार्थी इस्तेमाल करते हैं।
– विद्यार्थियों के लिए अभी 3200 क्लास स्वयं के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई है, जिसमें वीडियो, नोट्स, एक्सरसाइज़, वेब लिंक दिया गया है। —- ये होगा फायदा ई बुक्स तैयार कर इसे विवि की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, तााकि विद्यार्थी इसे बिना खर्च के पढ़ सकेंगे। आम तौर पर विद्यार्थियों के लिए विषयगत पुस्तके खरीदना पड़ता है। टेक्स्ट बुक्स एक साथ मिल जाएगी। इसे विवि के 208 असिस्टेंट प्रेाफेसर तैयार करेंगे। जानकारी के अनुसार खास तौर पर जो नए करीब 100 असिस्टेंट प्रोफेसर्स है, उन्हें ये ई बुक्स कटेंट तैयार करने पर फोकस किया जा रहा है।
—- नहीं है ये डेटा कि कितने विद्यार्थियों ने किया ई कंटेंट का उपयोग वर्तमान में जो ई लाइब्रेरी है इसका विद्यार्थी इस्तेमाल करते हैं। – विद्यार्थियों के लिए अभी 3200 क्लास स्वयं के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई है, जिसमें वीडियो, नोट्स, एक्सरसाइज़, वेब लिंक दिया गया है।
—- ये होगा फायदा ई बुक्स तैयार कर इसे विवि की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, तााकि विद्यार्थी इसे बिना खर्च के पढ़ सकेंगे। आम तौर पर विद्यार्थियों के लिए विषयगत पुस्तके खरीदना पड़ता है। टेक्स्ट बुक्स एक साथ मिल जाएगी। इसे विवि के 208 असिस्टेंट प्रेाफेसर तैयार करेंगे। जानकारी के अनुसार खास तौर पर जो नए करीब 100 असिस्टेंट प्रोफेसर्स है, उन्हें ये ई बुक्स कटेंट तैयार करने पर फोकस किया जा रहा है।
—- नहीं है ये डेटा कि कितने विद्यार्थियों ने किया ई कंटेंट का उपयोग विवि के पास वर्तमान में ये डेटा उपलब्ध नहीं है, कि कितने विद्यार्थियों ने ये ई कंटेट को देखा या इससे पढ़ाई की है। —