सदियों पुरानी परंपरा को आज भी बखूबी निभा रही आधुनिक पीढ़ी, इस साल कोरोना से
मुक्ति की प्रार्थना
उदयपुरPublished: Sep 04, 2020 02:53:43 pm
सुवृृष्टि की कामना को लेकर 4 किलोमीटर दूर नारायणदेवी धोक देने पैदल पहुंचे ग्रामीण
उमेश मेनारिया / मेनार. मेनार कस्बे में सदियों पुरानी परंपरा को आज भी आधुनिक पीढ़ी बखूबी निभा रही है । सदियों से क्षेत्र में सुवृृष्टि की कामना लिए सैंकड़ों ग्रामवासी ढोल की थाप पर गांंव से लगभग करीब 4 किलोमीटर दूर नारायणी देवी की शरण में खुशहाली की कामना को लेकर सभी ग्रामीण यहां एकत्रित हुए । इस साल ग्रामीणों ने कोरोना से मुक्ति को लेकर प्रार्थना की। यहां ग्रामीणों द्वारा ही प्रसाद के रूप में यहांं चने एवंं गेहूं की घुघरी बनती है। सदियोंं से चल रही इस परंपरा को निभाने में युवा आज बखूबी सम्मिलित होते हैंं। इसमें हर समाज के लोग शामिल होते हैंं। शाम साढ़े 4 बजे ही ग्रामीणों का जुटना शुरू हो गया 6 बजे आरती के समय भोग धराया गया। घुघरी का प्रसाद बनाने के लिए ठाकरोत – दावोत परिवार के प्रत्येक घर से गेहूंं एवंं चना एकत्रित होता है । घुघरी को पीतल के बर्तन में पकाया जाता है । घुघरी बनने के पश्चात घुघरी को सूती कपड़े पर डाल कर ठंडा किया जाता है। इसके बाद ही इसमें उपयुक्त मसाला सिर्फ नमक, हल्दी मिर्च डालकर लकड़ी से ही मिलाया जाता है । नारायण देवी को भोग धरने के बाद सभी को यह वितरित की जाती है । यहां आस पास सिर्फ खेत है गांंव से दूरी पर यह स्थान बना है । ऐसी मान्यता है कि नारायण देवी को पूजने एवम् यहां समस्त ग्रमीणों द्वारा कामना करने पर क्षेत्र में खुशहाली रहती है ।