इस पर एमओयू केंद्र सरकार एवं दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य जो एमओयू हुआ है, उसमें कृषि, नगरीय, औद्योगिक एवं पर्यावरण के लिए जल सुरक्षा प्राप्त करने के लिए सतही एवं भूजल प्रशिक्षण, शिक्षा एवं शोध कार्य को बढ़ावा देना है। साथ ही जमीनी एवं ग्रामीण स्तर पर भूजल निगरानी, प्रबंधन एवं ग्रामीण समाजों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान किए जाएंगे। मंत्रालय के केन्द्रीय भूजल बोर्ड एवं मारवी द्वारा स्मार्ट फोन ऐप से देश के भूजल स्तर, वर्षा, जल गुणवत्ता एवं चेक डेम जलस्तर के आंकड़ों का संचयन एवं विश्लेषण कर सूचनाओं को सरकारी विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं एवं स्थानीय लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
एमओयू से दोनों देशों के बीच शोध के नतीजों का आदान प्रदान से किसानों की आजीविका में सुधार के साथ-साथ किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का जो केन्द्र सरकार लक्ष्य लेकर चल रही है, उसे पूरा करने में सहायता मिलेगी।