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शिक्षण और अनुसंधान पर दोनों विवि करेंगे साझा काम

locationउदयपुरPublished: Jun 20, 2020 10:43:48 pm

Submitted by:

jitendra paliwal

एमपीयूएटी और राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच एमओयू

शिक्षण और अनुसंधान पर दोनों विवि करेंगे साझा काम

शिक्षण और अनुसंधान पर दोनों विवि करेंगे साझा काम

उदयपुर. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत शिक्षण, अनुसंधान में सहयोग और नेटवर्किंग के लिए दोनों विवि पांच साल तक साझा काम करेंगे। एमओयू पर एमपीयूएटी के कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ व बीकानेर विवि के कुलपति डॉ. विष्णु शर्मा ने हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर डॉ. राठौड़ ने राज्यपाल के विजन को साझा करते हुए काम में नवाचार, दूसरों को नेटवर्किंग और अच्छे काम के लिए प्रेरित करने और काम में निरंतर प्रगति के माध्यम से प्रणाली को उन्नत करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इस दिशा में पारस्परिक उत्कृष्टता के लिए एमओयू का बहुत महत्व है। डॉ. विष्णु शर्मा ने पशुओं में बीमारियों की भविष्यवाणी और पशु स्वास्थ्य, पोषण और जैव-प्रौद्योगिकी विकास के लिए ताजा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में हो रहे तकनीकी विकास के बारे में बताया। इस मौके पर निदेशक अनुसंधान डॉ. ए.के. मेहता, डीन राजस्थान कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर डॉ. अरुणाभ जोशी, डीन सीटीएई डॉ. अजय शर्मा, डॉ. बी.पी. नंदवाना, डॉ. सुबोध शर्मा, डॉ. एस.के. शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
एमओयू के खास बिन्दु
– कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में पारस्परिक रूप से साझा किए जाने वाले बुनियादी ढांचे की सुविधाओं की खोज करना।
– प्रयोगशाला, पुस्तकालय सुविधाओं, तकनीकी आदानों और छात्र अनुसंधान परियोजनाओं के सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यक्रम साझा करना।
– संकाय-छात्र सलाहकार समिति और संयुक्त अनुसंधान कार्य संचालन और पेपर प्रकाशन में संकाय विनिमय।
– अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सामने संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं प्रस्तुत करना।
– एसएयूएस में प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाली अनुसंधान प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
– डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने, स्वच्छ दूध का उत्पादन, संयुक्त परियोजना और जैविक खेती के क्षेत्र में सामूहिक कार्य।
– संयुक्त छात्र अनुसंधान कार्य को मजबूत और संचालित किया जाएगा।
– दोनों विश्वविद्यालयों की शक्ति का प्रस्तुतीकरण और दोनों विश्वविद्यालयों के सभी संकाय सदस्यों के लिए नए अवसर पैदा करना।
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