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शव को परिजनों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए बनाते हैं ‘ममी’

locationउदयपुरPublished: Sep 15, 2019 08:15:36 pm

– आरएनटी मेडिकल कॉलेज अब तक 119 शवों को भेजा देश-विदेश-सैनिकों के लिए नि:शुल्क, आमजन से मंगवाते हैं केमिकल
 

शव को परिजनों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए बनाते हैं ‘ममी’

शव को परिजनों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए बनाते हैं ‘ममी’

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. यह मानव देह का सम्मान ही तो है कि उसे पूरी नजाकत के साथ उसके घर तक सुरक्षित पहुंचाया जाता है। यह भी तब है, जबकि दिवंगत का कोई अपना साथ न हो। इसके लिए आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एनाटोमी विभाग घरेलू व बाहरी पर्यटकों, आमजन, सैनिकों के शवों को कई दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए एम्बामिंग कर रहा है। कॉलेज अब तक 119 शवों की एम्बामिंग कर उन्हें घर तक सुरक्षित भेज चुका है।
कॉलेज ने यह नियम बनाया है कि यदि किसी सैनिक का शव है तो उस पर केमिकल लेप यानी फार्मेलिन, स्पीरिट, ग्लिसरिन व कार्बोलिक एसिड का खर्च नहीं लिया जाएगा, जबकि अन्य कोई बाहरी व्यक्ति हो तो उससे ये मंगवाए जाते हैं। इसके बाद शव को तैयार कर परिजनों को या तय एजेंसी को देने का कार्य कॉलेज नि:शुल्क करता है। शव की एम्बामिंग पर करीब दो घंटे का समय लगता है।
ऐसे तैयार कर पैक करते हैं शव
शव में फार्मेलिन, स्पीरिट, ग्लिसरीन व कार्बोलिक एसिड को शव की नसों में इंजेक्ट किया जाता है ताकि शव संक्रमण रहित हो जाए। फिर शरीर पर लेप किया जाता है, ताकि शव को सडांध से बचाया जा सके। इसके बाद सफेद कपड़ा लपेटा जाता है। यदि शव को ज्यादा दूर भेजा जाना हो तो इस पर प्लास्टिक भी चढ़ाया जाता है। इसके बाद उसे कोफिन में रखा जाता है। शहर के एक चर्च की ओर से यह कोफिन तय राशि में दिया जाता है। एक सर्टिफिकेट के जरिए कॉलेज इसे संक्रमणमुक्त घोषित करता है। इसके माध्यम से एयरपोर्ट या रेलवे से भेजा जाता है।
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एनोटॉमी विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ घनश्याम गुप्ता ने बताया कि अब तक यहां से आस्टे्रलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान सहित कई देशों में शव पैंकिंग कर भेजे गए हैं। इसके अलावा राजस्थान के विभिन्न हिस्सों, कश्मीर, असम, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, चेन्नई, बेंगलूरु, कोलकाता व अन्य क्षेत्रों में शव भेजे गए हैं।
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यह है अब तक की उपलब्धि

वर्ष….एम्बामिंग

2009 13
2010 15

2011 16
2012 15

2013 05
2014 07

2015 04
2016 09

2017 18
2018 13

2019 04 अब तक
कुल 119
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आमतौर पर केमिकल चढ़ाने के बाद शव कई महीनों तक सुरक्षित रहता है। मानव देह को सुरक्षित कर परिजनों तक पहुंचाने में सुकून भी मिलता है।
डॉ सीमा प्रकाश, आचार्य, एनाटोमी विभाग आरएनटी मेडिकल कॉलेज

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