READ MORE : अब शुरू हुआ महापौर की कुर्सी के लिए घमासान, इन नामों में से एक पर मुहर लगाने की तैयारी बागियों ने भी किया बिगाड़ा, 5 जीते उदयपुर. भाजपा-कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर मैदान में कूदे 5 बागियों ने जीत हालिस कर ली। यहीं नहीं कुछ वार्डों में निर्दलीय इतने भारे पड़े कि वे दूसरे नम्बर रहे। इस चुनाव में गुलाबचंद कटारिया के धुर विरोधी माने जाने वाले वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीरसिंह भीण्डर की जनता सेना की एक सीट के साथ निगम बोर्ड में एंट्री हो गई है। जनता सेना 6 सालों से इसके लिए मेहनत में लगी हुई थी। उसके 6 प्रत्याशी चुनाव हार गए। बागियों की वजह से ज्यादा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा, जबकि कांग्रेस भी नुकसान से अछूती नहीं रही। कांग्रेस से बागी होकर वार्ड 39 में चंद्रप्रकाश सुहालका ने भाजपा के जितेन्द्र मारू को 175 वोट से हरा दिया। इसी तरह वार्ड 41 में भाजपा के कमलेश मेहता ने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी रामसिंह चुण्डावत को 61 वोटों के अंतर से हरा दिया। इधर, वार्ड 13 में कांग्रेस की चमन आरा का मुकाबला भाजपा से नहीं होकर निर्दलीय फारुख कुरैशी से रहा। चमन आरा 1633 से चुनाव जीतीं, जबकि भाजपा तीसरे नम्बर पर पहुंच गई। ऐसा ही हाल वार्ड 24 में नजर आया, यहां कांग्रेस की भगवती डांगी ने निर्दलीय शमीम अजीता को महज 5 वोट से हाराया। मुकाबले में भाजपा यहां पर भी तीसरे स्थान पर चली गई। वार्ड 14 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर उतरे मोहसिन ने भाजपा के निर्मल पालीवाल को 182 वोट से हराया। वार्ड 45 में भी कांग्रेस से नाराज शोएब हुसैन ने जनता सेना के टिकट पर चुनाव लड़ जीत हासिल कर ली। शोएब ने कांग्रेस के ऋषभ जैन को 151 वोट से हराया। वार्ड 65 में भाजपा के बागी पूनमचंद मोर ने भाजपा के अनिल कुमार कटारिया को 540 वोट से हरा दिया। वार्ड 30 में भी भाजपा के रमेशचंद्र का मुकाबला निर्दलीय देवेन्द्र माली से हुआ, कांग्रेस यहां तीसरे नम्बर पर चली गई। कई और भी वार्ड ऐसे हैं, जहां पर निर्दलीयों की वजह से दोनों प्रमुख दलों की हालत पतली हो गई।