गौरतलब है कि इस साल के अंत में होने वाले नगर निगम के चुनाव को लेकर भाजपा इस सोच से तैयारियों में लगी है कि निगम में इस बार भी पार्टी को बड़े स्तर पर जीत मिले। वैसे इस बार सीधे वोट से महापौर चुना जाएगा, इससे पहले पार्षदों का चुनाव होता था और वे महापौर चुनते थे।
— भाजपा चेहरों को देखने लगी इधर, भाजपा ने वार्ड वार पार्टी की तैयारियां, वार्डों की समस्याएं और विकास की गणित को लेकर कसरत शुरू कर दी है। पार्षदों की बात सुनने के साथ जनता को आ रही समस्याओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही पार्टी ने महापौर का पद और वार्ड पार्षदों के आरक्षण होने से पहले ही नामों को लेकर भी चर्चा शुरू कर दी है। भाजपा की ओर से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का इस बार जोर रहेगा कि अच्छे, पढ़े लिखे और समय देने वालों को टिकट दिया जाए। बता दें, कई पार्षद पार्टी की बैठकों में नहीं आते थे, इसको लेकर कटारिया ने नाराजगी जाहिर की है।
— कांग्रेस बैठकर चर्चा करेगी
वैसे नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस की कसरत तो अंदर ही अंदर चल रही है, लेकिन संगठन के स्तर पर अभी तक बड़ी तैयारी सामने नहीं आई है। अब कांग्रेस जोर देगी कि बैठकर वार्डोँ की स्थिति पर चर्चा करने के साथ ही चुनावी कसरत शुरू की जाए। सबसे बड़ी बात यह है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में वार्डोँ में हुई हार के आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस अपना ढांचा मजबूत करना चाहेगी। प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है ऐसे में जोर रहेगा कि शहरी सरकार में पार्टी जीते और भाजपा की लगातार जीत के सिलसिले को रोका जा सके।हार में डूबी कांग्रेस अब इस चुनाव को लेकर पूरी तैयारी से बैठक बुलाने वाली है।
वैसे नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस की कसरत तो अंदर ही अंदर चल रही है, लेकिन संगठन के स्तर पर अभी तक बड़ी तैयारी सामने नहीं आई है। अब कांग्रेस जोर देगी कि बैठकर वार्डोँ की स्थिति पर चर्चा करने के साथ ही चुनावी कसरत शुरू की जाए। सबसे बड़ी बात यह है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में वार्डोँ में हुई हार के आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस अपना ढांचा मजबूत करना चाहेगी। प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है ऐसे में जोर रहेगा कि शहरी सरकार में पार्टी जीते और भाजपा की लगातार जीत के सिलसिले को रोका जा सके।हार में डूबी कांग्रेस अब इस चुनाव को लेकर पूरी तैयारी से बैठक बुलाने वाली है।
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पिछले दो चुनाव एक नजर में – वर्ष 2009 में सीधे चुनाव में भाजपा की रजनी डांगी और कांग्रेस से नीलिमा सुखाडिय़ा के बीच मुकाबले में डांगी चुनाव जीती थी।
– वर्ष 2014 के हुए चुनाव में भाजपा ने 55 में से 49 वार्ड जीते थे, तब पार्षदों ने मिलकर चन्द्रसिंह कोठारी को महापौर चुना।
पिछले दो चुनाव एक नजर में – वर्ष 2009 में सीधे चुनाव में भाजपा की रजनी डांगी और कांग्रेस से नीलिमा सुखाडिय़ा के बीच मुकाबले में डांगी चुनाव जीती थी।
– वर्ष 2014 के हुए चुनाव में भाजपा ने 55 में से 49 वार्ड जीते थे, तब पार्षदों ने मिलकर चन्द्रसिंह कोठारी को महापौर चुना।