उदयपुर

उदयपुर में हंगामा : कटारिया के सामने कांग्रेसी बोले तालियां ही बजानी थी तो हमे क्यों बुलाया!

नगर निगम की बैठक : शहरी विकास के मुद्दों पर बात किए बिना राष्ट्रगीत शुरू कर दिया Nagar Nigam Udaipur

उदयपुरJan 21, 2020 / 09:06 am

Mukesh Hingar

उदयपुर में हंगामा : कटारिया के सामने कांग्रेसी बोले तालियां ही बजानी थी तो हमे क्यों बुलाया!

मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. नगर निगम Nagar Nigam Udaipur की बोर्ड बैठक में समिति अध्यक्षों की घोषणा के साथ ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी पार्षदों ने राष्ट्रगान के बीच में भी अपना विरोध जताया और राष्ट्रगान रुकने के बाद हंगामा किया। पार्षद यहीं नहीं रुके बोर्ड बैठक सभागार से सीधे महापौर के चैम्बर में चले गए और विस में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया व महापौर गोविंद सिंह टांक के सामने सवालों की बोछार कर दी लेकिन कटारिया एक शब्द बोले लिखकर दीजिए और मौन रहे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि समिति अध्यक्षों के नाम सुनकर तालियां ही बजानी थी तो हमे क्यों बुलाया, हमे तो शहर की जनता की तकलीफों पर बात करनी है। बोर्ड बैठक दोपहर 3.12 बजे शुरू हुई और 3.28 बजे समाप्त हो गई।
बोर्ड बैठक में समिति अध्यक्षों के नाम के उप महापौर पारस सिंघवी के प्रस्ताव पर पार्षद मनोहर चौधरी ने समर्थन किया और सर्वसम्मति से नाम पारित हो गए। जैसे ही महापौर ने बोर्ड बैठक समाप्ति की ओर इशारा किया तो कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध शुरू किया, उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों पर भी बात हो। इस बीच कटारिया व टांक राष्ट्रगान के लिए खड़े हो गए और राष्ट्रगान शुरू हो गया। तब हंगामा बढ़ गया। मंच से कटारिया-टांक रवाना हो गए तो कांग्रेसी पार्षद हितांशी शर्मा, लोकेश गौड़ व शंकर चंदेल ने पुरजोर विरोध किया। चंदेल ने अपने हाथों में वार्ड की समस्याओं के पोस्टर व फोटो लहराए। बैठक में विपक्ष के सवाल पर आयुक्त अंकित कुमार सिंह ने भी समितियों के गठन को लेकर विधिक जानकारी दी।

पोर्च में लगे हाय-हाय के नारे
पार्षद हितांशी, गौड़, अरुण टांक, गौरव प्रताप सिंह आदि महापौर व आयुक्त के चैम्बर के बाहर पहुंच गए। वहां सभी ने कटारिया व टांक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। बाद में वे वहीं बैठ गए। पार्षदों ने कहा कि समिति अध्यक्षों के नाम की घोषणा पर भाजपा पार्षदों की ओर से बताई तालियां ही सुननी थी तो हमे बुलाया ही क्यों, हमे शहर के विकास व समस्याओं पर चर्चा करनी थी, जिसका जिक्र एजेंडे में किया तक नहीं।

महापौर से मांगा जवाब, कटारिया बोले लिखित में दो
पोर्च से पार्षद महापौर के चैम्बर में चले गए। वहां पर पार्षदों ने गुस्से में विरोध जताया। हितांशी व चंदेल ने कहा कि आपको जनता के मुद्दे सुनने थे, बैठक कैसे खत्म कर दी। विपक्ष ने महापौर से सवाल पर सवाल किए, बाद में कटारिया से भी किए, कटारिया ने कहा एक लाइन में सुन लीजिए आप जो कहना चाहते है वह लिखित में दे दीजिए, इसके आगे हम कुछ नहीं सुनेंगे, आप चाहे जो कीजिए। पार्षदों ने फिर विरोध किया। इस दौरान कांग्रेस पार्षद अरुण टांक अलग से आकर महापौर से मिलकर निकले।

कटारिया बोले एजेंड़ा पढऩा चाहिए
कटारिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेसी पार्षदों को एजेंडा पढऩा चाहिए, एजेंडा सात दिन पहले आता है, कुछ जुड़ाना चाहते थे, उसको लिखित में दे सकते थे, विभाग उस पर विचार करता। कांग्रेसी वार्डों में ही अतिक्रमण हटाने के विपक्ष के आरोप पर कटारिया बोले कि अतिक्रमण न भाजपा का होता है न कांग्रेस का, ऐसा कोई बाजार बता दे जिसमें सिर्फ भाजपा या कांग्रेस के ही लोग रहते हो, ये बेकार की बात है। महापौर ने कांग्रेसी पार्षदों को नहीं बोलने देने के सवाल पर इतना ही कहा कि एजेंडे में सिर्फ समितियों पर ही बात करनी थी और वहीं किया।

काम नहीं करने वालों को हटा देंगे
इससे पहले भाजपा कार्यालय में हुई प्री बोर्ड बैठक में कटारिया ने कहा कि समितियों में जिनको अध्यक्ष बनाया जाएगा उनके काम की समीक्षा की जाएगी। काम अच्छा नहीं होगा तो दो साल में उनको बदल देंगे। कटारिया ने इतना भी कहा कि किसी को नाराज होने की जरूरत नहीं है, समितियां सभी को तो दे नहीं सकते है। इधर, निर्माण समिति अध्यक्ष ताराचंद जैन ने कहा कि पिछले बोर्ड के बाकी पड़े 150 निर्माण कार्योँ को पूरा कराने पर फोकस होगा।
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