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नगर निगम की समितियों में नहीं दिखा जातीय संतुलन

locationउदयपुरPublished: Jan 22, 2020 07:22:37 pm

Submitted by:

Mukesh Hingar

नगर निगम की समितियों में युवाओं को तवज्जों दिया

नगर निगम

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उदयपुर. नगर निगम की समितियों के गठन के बाद राजनीतिक चर्चा जनता के बीच बढ़ी है। १९ में से जातीय समीकरण में जैन पार्षदों को ज्यादा मौका दिया गया है, परकोटे के अंदर से पांच पार्षदों को समिति अध्यक्ष का ओहदा दिया गया है। बड़ी बात यह है कि इस बार पार्टी ने युवाओं को ज्यादा तवज्जों दिया है। १९ समितियों में शामिल अध्यक्ष करीब १५ युवा है। परकोटे के १८ वार्ड, समिति में ५ पार्षद परकोटे के अंदर नगर निगम के १८ वार्ड है जबकि समिति अध्यक्ष पांच पार्षदों को बनाया गया है। बचे बाहर के ५२ वार्डोँ में से १४ जनों को समिति अध्यक्ष बनाया गया है। परकोटे के अंदर से पार्षद छोगालाल भोई, रूचिका चौधरी, कुलदीप जोशी, देवेन्द्र साहू, मदन दवे को समिति अध्यक्ष बनाया गया है। अनुभवी गिनती के समितियों में अनुभवी समिति अध्यक्ष तो मात्र चार ही है। इसमें पारस सिंघवी, महेश त्रिवेदी, मनोहर चौधरी, वेणीराम सालवी। ये पूर्व में समिति अध्यक्ष रहे हुए है। बात ताराचंद जैन की करें जिनको निर्माण जैसी महत्वूपर्ण समिति मिली है वे पहली बार पार्षद बने है लेकिन उनको राजनीतिक अनुभव ज्यादा है, शहर भाजपा अध्यक्ष रहते उन्होंने कई समिति अध्यक्षों को तैयार किया था। इसके अलावा अरविंद जारोली, चन्द्रकला बोल्या को पूर्व में पार्षद होने से थोड़ा अनुभव तो है ही। जातीय समीकरण में जैन ज्यादा समितियों में जातीय समीकरण देखे तो सर्वाधिक जैन समाज से आने वाले पार्षदों को समिति अध्यक्ष बनाया गया है। १९ समितियों में से ७ समिति प्रमुख जैन, ३-३ समिति अध्यक्ष ब्राह्मण व ओबीसी वर्ग के है। इसके अलावा अन्य जातियों को मौका दिया गया है।

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