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बाहरी दवा पर नाम का बैन, मरीजों की जेब हो रही है ढीली

locationउदयपुरPublished: Feb 28, 2019 07:22:55 am

Submitted by:

Bhuvnesh

महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल
– सरकार आदेश हवा
– कमीशन की बू
पत्रिका स्टिंग

महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल

महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. ये दवाई यहां नहीं है, हॉस्पिटल के सामने जो मेडिकल हैं, वहो से ले लेना…इसके आगे निशान लगा दिया है। यदि आप सरकार की ओर से ाोले गए नि:शुल्क दवा केन्द्रों पर पहुंचेंगे तो ये आम सुझाव है जो आपको सुनने मिल ही जाएगा, हालांकि सरकार नहीं चाहती कि चिकित्सक एेसी दवा लि ो जो केन्द्र पर उपलब्ध नहीं हो, लेकिन महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल के कुछ चिकित्सक हैं कि अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे। वह पर्ची में कुछ एेसी दवा लि ाते ही है जो नि:शुल्क उपलब्ध नहीं होती, यानी जिसे लेने के लिए मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर्स तक जाना ही होता है, बात साफ है अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है। कई स्टाफकर्मी इसे अंदर ााने दवाओं पर मिलने वाले कमीशन के कारण एसा होने की बात कहते हैं।
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केवल कागजों में आदेश-हकीकत अलग

एक दिन पहले मंगलवार शाम को ही वीडियो कान्फेंसिंग के जरिए राज्य के अतिरिक्त मु य सचिव से लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी ने हर जिले के चिकित्साधिकारियों को जो स त निर्देश दिन वह दूसरे ही दिन महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल में हवा हो गए। सरकारी के निर्देशों का असर महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल के चिकित्सकों पर नहीं पड़ा है। सरकार के स त निर्देश है कि किसी ाी स्थिति में चिकित्सक नि:शुल्क दवा के अतिरिक्त दवा नहीं लि ों, इसके बावजूद यहां ये सिलसिला जारी है।
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ये है हाल:
– नियमानुसार प्रत्येक चिकित्सक के पास मौजूद दवाइयों की सूची होना जरूरी है, लेकिन यहां किसी ाी चिकित्सक के पास ये उपलब्ध नहीं, हर चिकित्सक अपनी मर्जी से दवाएं लि ा रहा है। यदि सूची होगी तो चिकित्सक बाहर दवाएं नहीं लि ा पाएगा, लेकिन अधिकांश चिकित्सक नहीं चाहते कि वे एेसी किसी नियमों की परिधि में बांधे जाए।
– कई बार तो एेसी दवाएं ाी लि ाी जाती हैं जो गिने चुने बाहरी मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध रहती हैं। ये दवाइयां पाने के लिए मरीजों को दिन ार ााक छाननी पड़ती है।
– कई बार चिकित्सालय प्रशासन से लेकर उच्चाधिकारियों तक लोग बाहरी दवाएं लि ाने की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
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यूं बोले मरीज
– गोगुन्दा के ललितकुमार ने बताया कि वे अपने दो साल के ाांजे लक्ष्य को लेकर दि ााने आए हैं, उसके उपचार के लिए लि ाी गई दवाओं में से एक दवा तो यहां मिल गई दो बोतल बाहर से लानी पड़ी, इसके करीब ढाई सौ रुपए लगे।
– मावली से आए रामलाल ने बातया कि उनके वाल में कचरा है, एेसा चिकित्सक बता रहे हैं, उन्हें जो दवाएं लि ाी है, उनमें से कुछ दवाएं यहां नि:शुल्क केन्द्र पर नही थी, उसे अब बाहर से लेनी पड़ेगी।
– जावर माइन्स से आई सुशीला मीणा ने बताया कि लगातार सर्दी जुकाम के कारण स्वाइन लू की जांच करवाने आई थी, हालांकि उसे यहां लि ाी गई स ाी दवाइयां नहीं मिली, उसे कुछ बाहर से लेनी होगी।
– कांकरोली से आए एक मरीज के बेटे ने बताया कि उसके पिता का एक पैर किसी बीमारी के कारण काटा गया है, अब चिकित्सक ने एेसी दवा लि ाी है जो कही मिल ही नहीं रही, बाहर के मेडिकलों पर ाी घूम कर आ गया, लेकिन ये दवा नहीं मिल रही। अब समस्या हो गई है कि दवा कहा से लाऊ।
– बडगांव से आए यशवन्त ाी चिकित्सक को दि ााने पहुंचे थे, उन्हें कुछ दवाएं लि ाी थी, वे पर्ची लेकर घूमते हुए हम तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि दो दवाइयां यहां उपलब्ध नहीं है, इसलिए वे उसे बाहर से लाएंगे।
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प्रत्येक सोमवार को स्टॉक में दवा कौनसी ज्यादा है और कौनसी कम नहीं होने की जानकारी फार्मासिस्ट हर आउटडोर में दे रहे हैं, हो सकता है चिकित्सक उसे नहीं दे ा रहे हों। स ाी को इसके लिए कहा गया है, कि उपलब्ध दवाओं में से लि ाा जाए, यदि कोई विशेष जरूरी है और वो नि:शुल्क में उपलब्ध नहीं है, तो उसे बेहद जरूरी होने पर मार्क करते हुए लि ाा जा सकता है। जल्द ही फिर से इसे सूचित करेंगे।
डॉ ला ान पोसवाल, अधीक्षक महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल

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