थानाधिकारी उदयसिंह खंगारोत ने बताया कि नटेला निवासी मुंशीलाल का शव उसके घर से कुछ ही दूरी पर मिला था। मामला संदिग्ध लगने पर पुलिस ने पड़ताल की। सामने आया कि मुंशीलाल गांव की ही युवती किकली के संपर्क में था। उससे भी पूछताछ की गई। शुरुआत में वह कुछ भी बताने से इनकार करती रही, लेकिन सख्ती पर टूट गई। उसने बताया कि डाबिया खेड़ा निवासी मंशापुरी गोस्वामी से उसका मेलजोल था।
READ MORE: उदयपुर में धरी रह गई पुलिस की तैयारी, हुआ पथराव, तोड़़फोड़ और नारेबाजी, आईजी व एसपी लाठियाां लेकर दौड़़े़े सड़कों पर मंशापुरी ने उसे बातचीत करने और संपर्क में रहने के लिए मोबाइल हैंडसेट भी दिया था। कुछ समय बाद मुंशीलाल से किकली की करीबियां बढ़ गईं। मंशापुरी इससे नाराज था। पुलिस के अनुसार वारदात वाले के दिन शराब के नशे में मुंशीलाल ने किकली और मंशापुरी को नटेला बुलाया। दोनों प्रेमी आमने-सामने आए तो झगड़ा हो गया। मंशापुरी ने गला दबाकर मुंशीलाल को मार दिया। उसने हत्या कबूल कर ली है। गौरतलब है कि गत 28 नवम्बर को मुंशीलाल मीणा की लाश उसके घर से 500 मीटर दूर मिली थी। परिजनों का कहना था कि मुंशीलाल एक दिन पहले अपने जीजा के घर मांडवी गया था। बाइक से वापसी में मुंशीराम नटेला निवासी खानिया के घर रुका था। इसके दूसरे दिन संदिग्ध हालात में उसकी लाश मिली थी।
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साइबर टीम ने जुटाए अहम सुबूत
खुलासे में पुलिस टीम के साथ साइबर सेल का भी अहम योगदान रहा। टीम सहित प्रभारी फैलीराम ने सुबूत जुटाए। आरोपित की मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने सहित कॉल डिटेल आदि के जरिए पुलिस उस तक पहुंच पाई। जांच दल में मालूराम, गोविंदसिंह, अमरसिंह, प्रकाशचंद्र आदि शामिल थे।
साइबर टीम ने जुटाए अहम सुबूत
खुलासे में पुलिस टीम के साथ साइबर सेल का भी अहम योगदान रहा। टीम सहित प्रभारी फैलीराम ने सुबूत जुटाए। आरोपित की मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने सहित कॉल डिटेल आदि के जरिए पुलिस उस तक पहुंच पाई। जांच दल में मालूराम, गोविंदसिंह, अमरसिंह, प्रकाशचंद्र आदि शामिल थे।