राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी करते हुए समस्त मेडिकल कॉलेजों को पालना के आदेश दिए। आदेश की पालना में आरएनटी मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने अभी बडग़ांव पंचायत समिति क्षेत्र चुनिंदा गांव का दौरा किया। अब ये छात्र ब्लॉक सीएमएचओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा सहयोगिनियों के माध्यम से पांच-पांच परिवार गोद लेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की पहुंच बढ़ाने व मेडिकल छात्रों को फील्ड की जानकारी के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना को एनएमसी ने परिवार गोद कार्यक्रम का नाम दिया है। इस प्रोग्राम के तहत छात्रों को कॉलेज में किताबी ज्ञान ,अस्पताल में मरीजों कीे सेवा के साथ ही फील्ड का नॉलेज मिलेगा। वे गोद लिए परिवार के व्यवहार, बीमारियों, रहन-सहन एवं व्यवहार से जुड़े मुद्दों के बारे में जान पाएंगें।
यूं शुरू की योजना
- - ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की भारी कमी
- - चिकित्सकों का मरीजों के प्रति व्यवहार सुधार
- - ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली बीमारी से समय पर पता लगाना
- - काउंसलिंग कर परिवार को समय पर इलाज करवाना
- - ग्रामीण परिवारों से संपर्क बढ़ाना
- - गांव व गोद लिए परिवार जरूरतों को समझना
- - भविष्य में चिकित्सकों को गांवों में तैनाती के लिए भी तैयार करना
- - अधिकांश आबादी गांवों में रहती है उसके बावजूद डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में हैं, इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगोंं की बीमारियों के कारणों को पता नहीं चल पाता। इस महत्ती योजना से लाभ होगा।
- - वर्तमान में कम्युनिटी मेडिसिन पाठ्यक्रम के डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रेनिंग लेनी होती है, लेकिन इस कार्यक्रम में अब परिवार को गोद लेना होगा, जिससे बीमारी व कुरीतियों को पता चल पाएगा।
डॉ.लाखन पोसवाल, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज एनएमसी की गाइडलाइन के मुताबिक अभी मेडिकल छात्रों को बडग़ांव पंचायत समिति क्षेत्र गांव का दौरा किया है, अब उन्हें परिवारों से मिलवाया जाएगा। डॉ. रूपा शर्मा