National Stress Awareness Day : भारत में हर तीसरा व्यक्ित है तनाव का शिकार, अगर आप भी हैं इसकी चपेट में तो जरूर पढें ये खबर
उदयपुरPublished: Nov 01, 2017 08:00:51 pm
मानसिक बीमारियां होने के बहुत से कारण होते हैं, लेकिन आज की जीवन शैली एक बहुत बडा कारण है।
मानसिक बीमारियां आज घर-घर में आम जन-जीवन की जीवन शैली में शामिल हो गई है। ‘डिप्रेशन’ यानी नैराश्य, यानी मन और मानस का असहयोग, यानी प्रकृति से तादात्म्य न हो पाना या जीवन से आस्था उठ जाना। डिप्रेशन यानी जीने का नकारात्मक रवैया, स्वयं से अनुकूलन में असमर्थता आदि। जब ऐसा हो जाए तो उस व्यक्ति विशेष के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी यहां तक कि संबंध तक बेमानी हो जाते हैं। उसे सर्वत्र निराशा, तनाव, अशांति,अरुचि का ही आभास होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप किसी मनोविज्ञानी से संपर्क करें। व्यक्ति को खुशहाल वातावरण दें। उसे अकेला न छोड़ें। उसकी रुचियों को प्रोत्साहित कर, उसमें आत्मविश्वास जगाएं और कारण जानने का प्रयत्न करें।