इंडियन एम्च्योर बॉक्सिंग फेडरेशन की मेजबानी में सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के मल्टीपरपज इंडोर हॉल में हुए प्रारम्भिक मुकाबलों में कशिश भंडारी हिमाचल प्रदेश ने वैष्णवी सिंह मध्यप्रदेश को, मनस्वी आंध्रप्रदेश ने जशोदा पुरटी ओडीसा को, प्रणीता उत्तराखंड ने नित्याश्री तमिलनाडू को, कोमल राजपूत दिल्ली ने यूमोनिका पड्डुचेरी को, सुजाता हिमाचल प्रदेश ने स्नेहा चौधरी त्रिपुरा को हराया। कम्परा सरवाना सनाढ्य पड्डुचेरी ने राधिका साहू हिमाचल प्रदेश को, अंशु महाराष्ट्र ने रेखा झारखंड को, पी. करमाकर आंध्रप्रदेश ने कॉफी मेघालय को, भाबनी बरीक ओड़ीसा ने जयश्री चौहान को, नेहा साहू पश्चिम बंगाल ने जयश्री चौहान मध्यप्रदेश को हराया। गुडिय़ा शर्मा त्रिपुरा ने नेहा दिल्ली को, जास्मीन बिहार ने समरजीत कौर झारखंड को, हर्षिता कालोशिया दिल्ली ने अभिलाषा जोशी तेलंगाना को शिकस्त दी। इसी तरह अर्जना तेलंगाना ने खूशबू सिंह पश्चिम बंगाल को, प्रियंका महाराष्ट्र ने प्रीति कर्नाटक को, एनके श्रीवरसानी तमिलनाडू ने कोमल मेघालय को हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
READ MORE: National sub junior boxing Competition की रिंग में बेटियों ने दिखाया दम, साबित किया नहीं हैं किसी से कम प्रतियोगिता में 50 मुक्केबाज ऐसी हैं जो कि दो या तीन बार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी हैं। खेलप्रेमियों को 1 घंटे 42 मिनट तक एक के बाद एक लगातार रोचक मुकाबले देखने को मिले। राष्ट्रीय मुक्केबाज मैच जीतने के लिए कभी अटैक तो कभी डिफेंस करते नजर आए। प्रत्येक हुक, पंच और काउंटर अटैक पर खेल प्रेमियों ने तालिया बजाकर खिलाडिय़ों का का उत्साह बढ़ाया। 25 जज, रेफरी और तकनीकी विशेषज्ञ मुकाबले की बारीकी से मॉनिटरिंग करने में व्यस्त रहे।
दमखम और तकनीक का है खेल : प्री मैच जीतने के बाद दिल्ली की कोमल राजपूत ने बातचीत में बताया कि बॉक्सिंग सिर्फ 6 मिनट और 3 राउंड खेल नहीं है। नेशनल तक पहुंचने के लिए खिलाड़ी को जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। दमखम और तकनीक वाले बॉक्सर ही तीसरे राउंड तक कड़ी टक्कर दे पाते हैं। ओलम्पिक मैडल जीतने के लक्ष्य के साथ दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में प्रतिदिन 6 घंटे कड़ा अभ्यास कर रही हूं।