उदयपुर . जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिम्ड टू विवि के साहित्य संस्थान, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जोधपुर, सुविवि के इतिहास विभाग की ओर से भारतीय मूर्ति कला पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन मंगलवार को हुआ। आयोजन विश्व विरासत सप्ताह के तहत हो रहा है। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संग्राहलय नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. बीआर मणि ने कहा कि मूर्ति कला का प्रारम्भ 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व हुआ, लेकिन इस कला का इतिहास पाषाण काल तक गया। हड़प्पा की मूर्ति में राजा का अंकन मिलता है। अध्यक्षता करते प्रो. केएस गुप्ता ने कहा कि कला समाज के घटकों को जोडऩे का कार्य करती है। विशिष्ट अतिथि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जोधपुर अधीक्षक प्रो. वीएस बाड़ीगर ने प्रतिमा विज्ञान की महत्ता बताई। निदेशक प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, डॉ. दिग्विजय भटनागर, डॉ. विष्णु माली, डॉ. गिरीशनाथ माथुर, डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, डॉ. ललित पाण्डेय, डॉ. पीनल जैन, डॉ. महेश आमेटा मौजूद थे। संचालन डॉ. कुलशेखर व्यास, डॉ. कृष्णपाल सिंह ने किया। प्रो. खरकवाल ने आभार जताया।