कन्या पूजन व ज्वारा विसर्जन के साथ नवरात्र का समापन
उदयपुरPublished: Oct 15, 2021 05:29:09 pm
मंदिरों में दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालु
कन्या पूजन व ज्वारा विसर्जन के साथ नवरात्र का समापन
यज्ञ व अनुष्ठान की पूर्णाहुति
उदयपुर. शारदीय नवरात्र की महानवमी पर गुरुवार को देवी सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। घरों व मंदिरों में यज्ञ-हवन व अनुष्ठान हुए। जहां नवरात्र प्रतिपदा से यज्ञ, हवन जारी थे, वहां पूर्णाहुति दी गई। वहीं, घरों में कन्या पूजन की परंपरा निभाई गई। नवमी पूजन के साथ ही नवरात्र का समापन भी हो गया। साथ ही घरों व मंदिरों में घट स्थापना करने वालों ने ज्वारा विसर्जन के साथ ही मां को विदाई दी। कुछ लोग दशमी पर विसर्जन करेंगे। महानवमी के मौके पर जहां शहर के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालु देवी दर्शन को पहुंचे। वहीं, घरों, मंदिरों सहित कई जगहों पर हवन, अनुष्ठान भी हुए। कइयों ने कन्याओं के साथ बटुक पूजन किया। इस बार कोरोना के कारण कई लोगों ने सावधानी रखते हुए दान-दक्षिणा की। डबोक स्थित काल भैरव मंदिर पर हवन-पूजन किया गया।
कल्याणपुर. कस्बे के वांकला आम्बा स्थित अम्बे मां मन्दिर में नवमी के अवसर पर पं गंगाराम शर्मा के मंत्रोच्चार के साथ हवन में आहुतिया दी गई। रावला चौक में पं. हीरालाल सेवक द्वारा पूजन आदि करवाया गया।
पाणुन्द. पाणुन्द में गुरुवार को दुर्गानवमी के तहत क्षेत्र की प्रसिद्ध कालिका माता को विशेष शृंगार धारण करवाया गया। भीण्डर रोड पर स्थित माताजी के इस मंदिर पर रात्रि में मित्र मंडल द्वारा गरबा का भी आयोजन चल रहा है। घाटी मोहल्ले की ओर हनुमान मंदिर के ऊपर पहाड़ी पर स्थित आमलिया बावजी स्थानक पर आज पूर्णाहुति होंगी। इस दौरान सभी गांववासी एकत्रित होकर भोपों के साथ सवोरव यात्रा के रूप में गोमती नदी जाएंगे।
कूण. कूण गांव में प्रसिद्ध शक्तिपीठ ईडाणा माता नवरात्र के उपलक्ष में शांतिलाल कन्हैयालाल चौधरी की तरफ से 151 किलो की त्रिशूल भेंट की गई। दर्शनार्थी दूरदराज गांवों से आ रहे हैं।
जावर माइंस. कस्बे के जावर स्टेडियम में प्रतिवर्ष नवरात्र स्थापना के साथ लगने वाला विशाल दूर्गा पूजा मेला आयोजन इसबार नहीं हुआ हालांकि पाण्डाल में माता की मूर्ति स्थापना कर विधिवत अनुष्ठान किए गए। मजदूर संघ के महामंत्री लालूराम मीणा ने बताया कि दसकों से नवरात्र के समय चले आ रहे दूर्गा पूजा पर्व पर स्टेडियम में सैकड़ों की संख्या मेेंं दुकाने लगाई जाती है परन्तु विगत दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण मेला निरस्त किया गया। क्षेत्र में शांति बनी रहे इस विचार के साथ शिव परिवार व माता की मूर्ति स्थापना कर यज्ञशाला में अनुष्ठान कर विधिवत पूजा अर्चना की गई।
सेमारी. कस्बे के कुराडिया रोड स्थित राजा वासक शेषावतार धाम गातोडज़ी मंदिर पर संत पन्नालाल फलाहारी महाराज के सानिध्य में नवरात्र महापर्व के समापन को लेकर अष्टमी का रात्रि जागरण किया गया। नवमी पर सुबह पूजा अर्चना की गई।
घासा/मावली. ग्राम पंचायत रख्यावल के राजस्व गांव विठोली में गुरुवार को बायण माता मंदिर पर सुबह जवारा विसर्जन किए गए। बीती रात को रात्रि जागरण हुआ। साथ ही शुभ मुहूर्त में मंदिर पर ध्वजा परिवर्तन भी की गई।
मेनार. यहां प्रमुख शक्तिपीठ अंबामाता मंदिर में माता की प्रतिमा का भव्य शृंगार किया गया। माता के दरबार में तड़के से ही दर्शनार्थियों के आने का क्रम शुरू हो गया, जो देर रात तक बना रहा। बाद में जवारा विसर्जन किए गए। एकम के दिन रखे कलश को महाआरती के बाद गर्भ गृह से बाहर लाया गया। कलश में शेष रहे पानी एवं आम के पत्तों के हरे और सूखे पत्तों के माध्यम से अगले वर्ष बारिश एवं फसल बुवाई का अनुमान लगाया गया। दोपहर में कालिका माता के यहां महाआरती हुई। जवारों का ब्रह्मसागर में विसर्जन हुआ। मन्दिर सेवको के साथ सेंकडो लोग नेजे के साथ सरोवर पहुँचे। इस दौरान युवाओ में नेजा लेने की होड़ मची।
गींगला. मेवल क्षेत्र की प्रसिद्ध शक्तिपीठ ईडाणामाता मंदिर में क्षेत्र की सुख-शांति व सभी रोगों के नाश के लिए 700 औषधियों से हवन किया गया। शारदीय नवरात्र के तहत गुरुवार को दुर्गानवमी पर्व अनुष्ठान हुए। इस दौरान सभी प्रकार के रोगों का नाश करने के लिए औषधि हवन किया गया, जिसमें ७०० तरह की औषधियों की आहुतियां दी गईं। इसके अलावा क्षेत्र के सवना बावजी, कल्लाजी, भेरूजी धर्मराज स्थानक आदि देवरों पर भी पाती विसर्जन होगा।
भीण्डर. भीण्डर एवं आसपास क्षेत्र में गुरुवार को शक्तिपीठों व देवालयों में हवन हुए, शुक्रवार सुबह पूर्णाहुति होगी। पूर्णाहुति के बाद माताजी जवारे निकाले जाएगे। वहीं कई स्थानों पर नवरात्र का गुरुवार को ही समापन हो गया। भीण्डर के बीजासर माता मन्दिर में नवरात्र समापन पर हवन शुरू हुआ, जिसमें मुख्य यजमान प्रेमसिंह चौहान सहित अन्य भक्तगणों ने हवन में आहुतियां दी। शुक्रवार को सरोवर यात्रा निकलेगी। इसी तरह कालिका माता मन्दिर में भी पूर्णाहुति आदि के कार्यक्रम होंगे। नृसिंह भगवान मन्दिर, बगीची वाले हनुमान मन्दिर पर अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है।
झाड़ोल. उपखंड क्षेत्र के गोगला में प्रसिद्व आद्याशक्ति पीठ गुरूवार को मुख्य पुजारी प्रकाश चन्द्र दवेर के सानिध्य में दोपहर ३ बजे से हवन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। अष्टमी पर हवन की पूर्णाआहुति दी गई, मंदिर मे आस पास के श्रद्वालुओ दिन भर दर्शन करने पहुंचे। इस अवसर पर पंडित ललित कुमार पुजारी के मंत्रोच्चार के साथ हवन कुंड में भक्तजनो ने आहुतियों दी। आधाशक्ति की आरती के बाद श्रद्वालुओ को प्रसाद वितरण किया। उपखण्ड मुख्यालय पर राज परिवार द्वारा रावला परिसर में भी अष्टमी का कार्यक्रम आयोजित हुआ। उपखंड क्षेत्र के आसपास के गांवो के मंदिरो में भी अष्टमी का हवन की आहुतियां दी गई।
पारसोला. पारसोला नवरात्रा पर्व के अन्तिम दिन नवमी पर पहाड़ी पर स्थित दिवाक माताजी मन्दिर मे हवन पूर्णाहुति कर ज्वारा विर्सजन किया गया। पहाड़ी से उतर कर माताजी के साथ भैरवजी मन्दिर से भैरवजी का नेजा निकाला गया । ज्वारा विर्सजन माण्डवी चौराहा पर नई बावडी में किया गया । कस्बे के समीप कालका माताजी आड़, हिंगलाज माताजी मानपुर के साथ अणत चरपोटिया, भरकुण्डी गोपालपुरा में देवरों से वाड़ीयां उठाई गई।
बड़ावली. कस्बे सहित आसपास के मंदिरों में हवन किए गए। जिसमें बडावली के रावले में स्थित बायण माता मंदिर, अंबे चौक में स्थित जय अंबे मंदिर परिसर में यज्ञ वेदी बनाकर पंडित कृष्णकांत जोशी ने फूल मालाओं से श्रृंगार धराया और हवन में आहुतियां दी। कई घरों में भी हवन और नौ कन्याओं और एक लड़के का पूजन कर कन्याओं को बिंदी, मेहंदी और चूड़ी भेंट कर खीर पुड़ी और चावल का भोजन कराया गया। रात को बच्चों, युवक युवतियां ने जमकर डांडिया रास का आनन्द लेते हुए गुजराती गरबों पर नृत्या किया।