कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान पत्रिका उदयपुर संस्करण के सम्पादक अभिषेक श्रीवास्तव थे। उन्होंने कहा कि उदयपुर के आदिवासी क्षेत्रों में में जो प्राकृतिक सौंदर्य है, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। वनस्पतियों से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाकर अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
अध्यक्षता करते अजय एस. मेहता ने कहा कि सामुदायिक सहभागीता से होने वाले काम बेहतर परिणाम देते हैं। सरकार की ओर से लोगों को ज्यादा भरोसा व निर्भर रहने एवं उन्हें अधिकार देने की जरुरत है। विशिष्ट अतिथि डॉ. एनएस. राठौड़ ने कहा कि गांवों से सैकड़ों युवा हर रोज शहर की ओर आ रहे हैं। कम ज्योत वाली परिस्थिति में समन्वित कृषि प्रबन्धन से अधिक लाभ कमाकर युवाओं को रोका जा सकता है। खेती में नवाचार को अपनाने की जरूरत है। किसानों ने प्रश्नोतरी के माध्यम से विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया।
विद्या भवन के मुख्य संचालक डॉ. अनुराग प्रियदर्शी, अपर जिला न्यायाधीश कुलदीप शर्मा, पुलिस उपअधीक्षक चेतना भाटी, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज, आत्मा के परियोजना अधिकारी डॉ. रविन्द्र वर्मा, अनिल मेहता मौजूद थे। संचालन परियोजना प्रबन्धन राजेश शर्मा ने किया।
स्टॉल से मिली जानकारी विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से कृषि, पशुपालन, कृषि अभियात्रिकी, बीज, उर्वरक, मत्स्य, मूल्य प्रसंस्करण, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग, विधिक सेवा प्राधिकरण एवं पुलिस आदि की योजनाओं से सम्बन्धित जानकारी एवं जागरूकता के लिए स्टॉल लगाई गई। मेले में किसानों के लिए निशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाया गया।
बताई संस्था की गतिविधियां कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. पीसी भटनागर ने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी। चाइल्ड फंड इण्डिया की राज्य प्रबन्धक अंकिता हजारिका ने बच्चों के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, बाल सुरक्षा तथा उन्नत कृषि विकास पर किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। कृषि विज्ञान केन्द्र के हसमुख गहलोत ने आभार जताया।