वर्तमान मोर्चरी में एक वर्ष में औसतन दो हजार शव आते हैं यानी प्रतिमाह करीब 180 और रोजाना 6 से 7 शव का पोस्टमार्टम किया जाता है। इसमें आठ डीप फ्रीज रखे गए हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर करीब 15 की जाएगी। मेडिकल ज्यूरिष्ट डॉ राहुल जैन ने बताया कि कोई भी शव आने पर उसे तीन दिन तक डीप फ्रीेज में सुरक्षित रखा जाता है। पोस्टमार्टम के बाद जिस शव का विसरा नमूना लिया जाता है, उनके मानव अंगों को आमतौर पर कुछ दिन के बाद पुलिस को सौंप दिए जाते हैं, लेकिन अब जरूरत होने पर ये कुछ दिनों तक बर्नियां में रखे जा सकेंगे, ताकि भावी चिकित्सकों को इसके बारे में जानकारी मिल सके।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियन्ता आरके मूंदड़ा ने बताया कि नक्शे की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही एमसीआई के नियमों के आधार पर ऑनलाइन टेंडर कर निर्माण शुरू किया जाएगा। मोर्चरी में पानी भरने की समस्या को भी जल्द दूर हो जाएगी।
—— 250 सीटों के लिए स्वीकृत दो करोड़
एमसीआई के नियमानुसार ऑटोप्सी सेंटर आरएनटी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 250 सीटों के मद्देनजर तैयार किया जा रहा है, ताकि एक साथ 80 से 100 डॉक्टरी कर रहे विद्यार्थी लाइव पोस्टमार्टम देख सकें। सरकार ने इसके लिए दो करोड़ रुपए जारी किए हैं।
एमसीआई के नियमानुसार ऑटोप्सी सेंटर आरएनटी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 250 सीटों के मद्देनजर तैयार किया जा रहा है, ताकि एक साथ 80 से 100 डॉक्टरी कर रहे विद्यार्थी लाइव पोस्टमार्टम देख सकें। सरकार ने इसके लिए दो करोड़ रुपए जारी किए हैं।
ये कवायद 250 सीटों की शुरू हो गई हम यह कवायद 250 सीटों के लिए कर रहे हैं। एमसीआई के नियमानुसार इसे तैयार किया जा रहा है। योजना बनाने के बाद नक्शा स्वीकृत होगा, उसी आधार पर कार्य शुरू करेंगे। वहां पर ऐसा थियेटर डवलप किया जा रहा है, जिससे करीब 100 विद्यार्थी एक साथ बैठकर पढ़ सकें।
डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक , महाराणा भूपाल हॉस्पिटल
डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक , महाराणा भूपाल हॉस्पिटल