परेशानी का पैमाना
– बागोलिया बांध की पाल पर बडे बडे कांटे, झाडियां एवं अंग्रेजी बबूल उग आए है।
– बांध पर एक कार्यालय भी है, जो खंडहर में तब्दील हो चुका है।
– वहां एक वर्षामापी यंत्र स्थापित है। कोई देखभाल नहीं होने से वह भी खंडहर का भाग बन गया है।
– बागोलिया बांध की पाल पर बडे बडे कांटे, झाडियां एवं अंग्रेजी बबूल उग आए है।
– बांध पर एक कार्यालय भी है, जो खंडहर में तब्दील हो चुका है।
– वहां एक वर्षामापी यंत्र स्थापित है। कोई देखभाल नहीं होने से वह भी खंडहर का भाग बन गया है।
सरकार यह करे
– उदयसागर झील से बागोलिया को भरने का काम किया जा सकता है। इसके लिए नहरों के जरिए पानी पहुंच सके।
– इसी प्रकार राजसमंद जिले के बाघेरी का नाका बांध से भी पानी लाने का प्रोजेक्ट पूरा किया जा सकता है। दोनों में तकनीकी दृष्टि से प्रोजेक्ट संभव है।
– उदयसागर झील से बागोलिया को भरने का काम किया जा सकता है। इसके लिए नहरों के जरिए पानी पहुंच सके।
– इसी प्रकार राजसमंद जिले के बाघेरी का नाका बांध से भी पानी लाने का प्रोजेक्ट पूरा किया जा सकता है। दोनों में तकनीकी दृष्टि से प्रोजेक्ट संभव है।
पहले इन रास्तों से आता था पानी
बांध में चार मार्गों से पानी आता है। प्रथम मार्ग घोड़ाघाटी एनीकट से होते हुए भानसोल, गढवाड़ा, जावड, थामला, बडियार एनीकट, दुसरा मार्ग शिशवी, सिन्दू, महुड़ा, पलाना कलां, भारोड़ी, मोरडी होते बांध पानी पहुंचता था। तीसरा मार्ग सालोर, मोगाना, बडियार से तो चौथा मार्ग उथनोल, देपर होता हुआ थामला तालाब में पानी आता था। रास्ते में छोटे-छोटे एनीकट बन गए है, बारिश नहीं होने से इन एनीकट में पानी नहीं आ आता है तो आगे बागोलिया भी खाली पड़ा है।
बांध में चार मार्गों से पानी आता है। प्रथम मार्ग घोड़ाघाटी एनीकट से होते हुए भानसोल, गढवाड़ा, जावड, थामला, बडियार एनीकट, दुसरा मार्ग शिशवी, सिन्दू, महुड़ा, पलाना कलां, भारोड़ी, मोरडी होते बांध पानी पहुंचता था। तीसरा मार्ग सालोर, मोगाना, बडियार से तो चौथा मार्ग उथनोल, देपर होता हुआ थामला तालाब में पानी आता था। रास्ते में छोटे-छोटे एनीकट बन गए है, बारिश नहीं होने से इन एनीकट में पानी नहीं आ आता है तो आगे बागोलिया भी खाली पड़ा है।
टैंकर मजबूरी बन गई
अभी क्षेत्र के लोगों को मजबूरी में पानी के टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है। करीब 300 से 400 रुपए प्रति टैंकर लगते है। खेती के लिए किसानों भी परेशानी अलग है।
अभी क्षेत्र के लोगों को मजबूरी में पानी के टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है। करीब 300 से 400 रुपए प्रति टैंकर लगते है। खेती के लिए किसानों भी परेशानी अलग है।
जनप्रतिनिधि बोले…..
बागोलिया बांध की डीपीआर बन गई। सर्वे हो गया। हमने बागोलिया के नाम पर चुनाव लड़ा है। एक सूत्रीय मुद्दा है मावली की जनता का, हम इसके लिए संकल्पबद्ध है।
– धर्मनारायण जोशी, विधायक मावली
बागोलिया बांध की डीपीआर बन गई। सर्वे हो गया। हमने बागोलिया के नाम पर चुनाव लड़ा है। एक सूत्रीय मुद्दा है मावली की जनता का, हम इसके लिए संकल्पबद्ध है।
– धर्मनारायण जोशी, विधायक मावली
जनता की पीड़ा
मावली में इस बार विपक्ष का विधायक है। फिर भी हम सरकार के पास जाकर इस बांध को भरने व जनता को राहत दिलाने का प्रयास करेगें।
– पुष्कर गुर्जर, बडियार बागोलियों को भरने की बात बहुत सुनी लेकिन बांध रीता ही है। अब सरकार को कुछ करके इस बांध को भरने का काम करना चाहिए।
– रतन डांगी, किसान
मावली में इस बार विपक्ष का विधायक है। फिर भी हम सरकार के पास जाकर इस बांध को भरने व जनता को राहत दिलाने का प्रयास करेगें।
– पुष्कर गुर्जर, बडियार बागोलियों को भरने की बात बहुत सुनी लेकिन बांध रीता ही है। अब सरकार को कुछ करके इस बांध को भरने का काम करना चाहिए।
– रतन डांगी, किसान