scriptपीएचडी करने वालों के लिए अब आया ये नया नियम..यूजीसी ने पीएचडी करवाने के लिए तय किए विश्वविद्यालयों के मापदंड | New Rules for PH.D., MLSU, UGC, NAAC, Udaipur | Patrika News

पीएचडी करने वालों के लिए अब आया ये नया नियम..यूजीसी ने पीएचडी करवाने के लिए तय किए विश्वविद्यालयों के मापदंड

locationउदयपुरPublished: Jul 13, 2017 05:55:00 pm

Submitted by:

madhulika singh

अब पहली व दूसरी श्रेणी के विश्वविद्यालय ही करा सकेंगे पीएचडी, नेक व एनआईआरएफ की वरीयता बनेगी आधार

ph.d

ph.d

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पीएचडी करवाने के लिए विश्वविद्यालयों के मापदंड तय कर दिए हैं। जल्दी ही अपने स्तर पीएचडी की उपाधि देने का अधिकार सिर्फ आयोग की बनाई पहली व दूसरी श्रेणी के विश्वविद्यालयों को ही रहेगा। इसके लिए आयोग ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नेक) के अंक व नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की मेरिट को आधार बनाया है। यूजीसी के गजट नोटिफिकेशन के बाद यह नियम देशभर के विश्वविद्यालयों में लागू हो जाएगा।
मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.पी. शर्मा ने बताया कि आयोग ने पीएचडी के अधिकार के मानक तय करने के लिए नेक की ओर से संस्थान को मिले अंक व एनआईआरएफ से मिली रैंकिंग के आधार पर तीन श्रेणियां बनाई हैं। इन्हीं के आधार पर पीएचडी कराने के अधिकार दिए जाएंगे। राजस्थान विद्यापीठ विवि के कुलपति डॉ. एसएस सारंगदेवोत ने बताया कि पहली श्रेणी में उन संस्थानों को शामिल किया गया है, जिन्होंने नेक से ए व अधिक ग्रेड यानी 4 अंकों में से 3.5 व इससे अधिक अंक पाए हों या एनआईआरएफ की पहली 50 संस्थानों की वरीयता सूची में लगातार दो साल तक जगह बनाई हो। दूसरी श्रेणी में बी प्लस ग्रेड (3.01 से 3.49 अंक) या एनआईआरएफ की 51 से 100 की सूची में जगह वाले संस्थान शामिल होंगे, जबकि शेष विश्वविद्यालय तीसरी श्रेणी में होंगे।
READ MORE: नियमों की धज्जियां: यहां मनमर्जी से बदलवा दी सरकारी विद्यालय की ड्रेस

सुखाडिय़ा सहित प्रदेश में सिर्फ ग्यारह विवि शामिल

नेक की वेबसाइट के अनुसार आयोग से तय मापदंड के आधार पर प्रदेशभर के सिर्फ ग्यारह विश्वविद्यालय ही अपने स्तर पर पीएचडी करवा सकेंगे। इनमें उदयपुर के दो विवि सुखाडि़या विश्वविद्यालय के अलावा राजस्थान विद्यापीठ विवि भी शामिल हैं। सुखाडि़या विवि के अलावा राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर व महर्षि दयानंद सरस्वती विवि अजमेर समेत प्रदेश के कुल तीन सरकारी विवि, एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय अजमेर तथा जयपुर के दो निजी व पांच मान्य विश्वविद्यालय शामिल हैं।
दूसरे विवि के पास नेट-स्लेट और सेट पास का विकल्प

दोनों श्रेणियों से बाहर रहने वाले विश्वविद्यालय भी पीएचडी तो करवा सकेंगे, लेकिन वे सिर्फ नेट, स्लेट व सेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही यह उपाधि दिलवा सकेंगे। वह अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा व साक्षात्कार कर पीएचडी नहीं करवा सकेंगे। आयोग के अनुसार अगर कोई विश्वविद्यालय ग्रेडिंग में पिछड़ता है और मापदण्ड से बाहर हो जता है तो उसे 30 दिन के भीतर आयोग को सूचित करना होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो