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नए कलेवर में ऐसा होगा NH-58 ई, 8 गांव होंगे बायपास, बढ़ेगी झाड़ोल-फलासिया की दूरी

locationउदयपुरPublished: Jan 01, 2018 01:46:21 pm

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फलासिया. झाड़ोल उपखंड क्षेत्र के ग्रामीणों को जल्द ही नेशनल हाईवे 58 ई की सिंगल पट्टी सडक़ से मुक्ति मिलने वाली है।

NH-58E the distance of Jhandol-Falasiya will increase
फलासिया. झाड़ोल उपखंड क्षेत्र के ग्रामीणों को जल्द ही नेशनल हाईवे 58 ई की सिंगल पट्टी सडक़ से मुक्ति मिलने वाली है। भूमि अवाप्ति का गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। निर्माण के लिए साढ़े चार सौ करोड़ की निविदाएं प्रकाशित होने की तैयारी है।
इस मुद्दे को लक्ष्य मान चुके राजस्थान पत्रिका ने काम शुरू होने से पहले इसके नए कलेवर पर नजर डाली।
प्रस्ताव के अनुसार झाड़ोल व फलासिया पंचायत समिति मुख्यालय सहित 91 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर आठ गांव बायपास होंगे। इतना ही नहीं हजारों हादसों की साक्षी रही रणघाटी व खेरिया घाटा भी नए निर्माण के बाद इतिहास बन जाएंगे। दस मीटर चौड़े हाईवे को बनवाने में प्रति किलोमीटर पांच करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
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अधिकारियों ने बताया कि कुंडाल से खोखरा (गुजरात) बॉर्डर वाया झाड़ोल-फलासिया नेशनल हाईवे 58-ई की लंबाई 51 किलोमीटर होगी। कुंडाल से झाड़ोल तक की दूरी करीब 40 किमी होगी, जबकि झाड़ोल से फलासिया की मौजूदा दूरी 30 से बढकऱ 38 किमी हो जाएगी। इस रास्ते पर चालीस से ज्यादा छोटे-बड़े पुल भी बनेंगे। दोनों पंचायत समिति मुख्यालयों के अलावा सडक़ की शुरुआत में ही 10 किमी के अंदर कुंडाल व नयाखेड़ा बायपास होंगे। आठ बायपास में कोल्यारी, बिछीवाड़ा, सोम व सडक़ के अंतिम छोर पर खोखरा-आंबाभेली शामिल हैं। यही कारण है कि दोनों पंचायत समिति मु यलयों की दूरी बढ़ जाएगी।
करीब 40 साल पहले यह सिंगल पट्टी सडक़ बनने के बाद से ही सैकड़ों हादसों की साक्षी रहे रणघाटी व खेरिया घाटा भी निर्माण पूरा होने के बाद इतिहास बनकर रह जाएंगे। इन घाटियों को रीअलायन्मेंट करते हुए सडक़ दूसरी ओर से बना दी जाएगी। नतीजतन, घाटियां अपनी जगह पर उसी हालत में रहेंगी, लेकिन इनका उपयोग नहीं होगा। बता दें कि क्षेत्र के व्यापारियों द्वारा बड़े ट्रकों में माल मंगवाने पर ज्यादातर ट्रांसपोर्टर महज इन घाटियों व सडक़ की बदहाली के कारण ही ट्रक भेजने से मना कर देते हैं।
राजस्थान पत्रिका ने बनाया था दबाव
झाड़ोल विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी जरूरत की पुरजोर पैरवी राजस्थान पत्रिका ने की थी। मसला हाईवे के लिए भूमि अवाप्ति की फर्जी सूची वायरल होने का रहा हो या पिछले साल 15 अक्टूबर को केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्री के दौरे के बाद कागजों में चल रहे इस काम का, पत्रिका ने पग-पग पर हकीकत उजागर की थी।
इसी साल उदयपुर में प्रधानमंत्री के दौरे से दो दिन पूर्व 27 अगस्त को वापस यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया। नतीजा यह हुआ कि उदयपुर की सभा पीएम के सामने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाईवे 58-ई के लिए 756 करोड़ रुपए की घोषणा की थी।
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