भगवान जगन्नाथ का पंचामृत स्नान कराने के बाद उन्हें केसरिया वस्त्रों के साथ विशेष श्रृंगार धराया गया। इसके बाद 10 बजे श्रृंगार आरती हुई। दोपहर 12 बजे भोग आरती के दर्शन हुए, जो देर तक चले।
एकादशी को लेकर श्रद्धालुओं ने निर्जल रहकर भगवान के दर्शन व दान-पुण्य
कर एकादशी का पुण्य कमाया। श्रद्धालुओं ने कमल पुष्प, जल पात्र, पंखियां,
मौसमी फल आदि भेंट किए।
जगदीश मन्दिर में सुबह 4 बजे से ही भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्त उमडऩे शुरू हो गए।
श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, महालक्ष्मी एवं श्रीकृष्ण भगवान के
मंगलाचरण व आरती के दर्शन का लाभ लिया। महिलाएं भ्ाजनों पर झूमती नजर आईं।
सुबह से ही मन्दिरों में लम्बी कतारे लगनी शुरू हो गई। शहर के प्रमुख जगदीश मन्दिर में हर वर्ष की तरह इस बार भी खासी भीड़ रही।
भजनों में मशगूल श्रद्धालु
मंदिरों में देर तक दर्शन के लिए कतारों में लगे रहे भक्त
जगदीश मंदिर में दर्शनों के लिए उमड़े भक्तजन