यह बात गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर निश्चलानंद सरस्वती ने मंगलवार को श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब-जब संकट की घड़ी आई धार्मिक गुरु आगे आए। धर्म को बचाने के लिए विभिन्न सेनाएं बनाई गई, लेकिन इतिहास देखे तो इन सेनाओं ने धर्म को बचाने का कार्य कुछ समय ही किया।
READ MORE: उदयपुर के इन पुस्तकालयों में हैं ज्ञान का अथाह सागर, लगाओ गोता और निखरो इसके बाद अपने-अपने हित साधने लगी और इन पर राजनीति हावी हो गई। एक श्रद्धालु द्वारा वर्तमान राजनीति पर सवाल करने पर शंकराचार्य ने कहा कि जनता को सभी राजनैतिक दलों के नेताओं को बाध्य करना होगा कि वे कार्य करें। क्या कार्य किया है इसका विश्लेषण भी हर तीन माह में किया जाए।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि भोग में लिप्त होकर भोजन करने से एक समय बाद भोजन मनुष्य को खाने लगता है। लेकिन जरूरत के मुताबिक भोजन करना और प्रभु के प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से अमृत बन जाता है।
स्नान तो सभी करते हैं लेकिन जो प्रभु की पूजा, भक्ति के लिए स्नान करता है उसका अंतर्मन भी शुद्ध हो जाता है। हुआ कृष्ण-रुक्मिणी विवाह, आज होगी पूर्णाहुति महाकालेश्वर मंदिर में चल रही भागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य विवेक मिश्र ने कृष्ण-रुक्मिणी विवाह का सुंदर वर्णन किया।
चाणक्य परिवार के योगेश शर्मा ने बताया कि बुधवार को सुबह ९ से ११.३० बजे तक महाकालेश्वर मंदिर में पूर्णाहुति होगी। दोपहर १२ से १.३० बजे शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज सुखाडि़या सर्किल-फतहपुरा मार्ग स्थित मानसरोवर वाटिका में श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं को शांत करेंगे और दीक्षा होगी।