फतहपुरा चौराहा, चुंगी नाका, पारस तिराहा, मंडी क्षेत्र, चेटक सर्किल सहित शहर में ऐसे कई जगह है जहां ये मजदूर किसी ना किसी काम की तलाश में दिन भर बैठे रहते हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश के मुंह पर मास्क नहीं होता। आखिरकार निगम के किसी भी अधिकारी को ये लोग क्यों नजर नहीं आए।
यूज एंड थ्रो मास्क – निगम द्वारा जो मास्क बांटे जा रहे हैं वह यूज एण्ंड थ्रो यानी कुछ घंटों पहनने के बाद खराब होने वाले है। यानी ये मास्क अधिकतम आठ या दस घंटे ही पहन सकते हैं। यदि निगम पूरी तैयारी के साथ किसी स्वयंसेवी संगठन की ओर से तैयार किए गए कपड़े के मास्क वितरित करता तो वह आम लोगों के लिए फायदेमंद था। निगम की ओर से करीब एक लाख मास्क वितरित करना बताया जा रहा है, ऐसे में यदि आम लोगों के उपयोग तक ये मास्क नहीं पहुंचे तो सरकार की मंशा कैसे पूरी होगी।
– नगर निगम की ओर से जल्दबाजी नहीं कर मास्क वितरण से पहले योजना तैयार की जाती और संगठनों के माध्यम से तैयार करवा हर व्यक्ति को कपड़े के दो-दो मास्क दिए जाते तो वह धोकर उनका उपयोग कर सकता है, जबकि ये मास्क वितरण केवल खानापूर्ति ही बनकर रह गया है।
जल्द वितरित होंगे कपड़े के मास्क पहले मास्क खराब आए थे। अब कपड़े के मास्क आ गए है। जल्द ही ये वितरित किए जाएंगे। धोकर इस्तेमाल करने वाले मास्क स्वयंसेवी संगठन भी लेकर आ रहे हैं। ये मास्क हर व्यक्ति को देना शुरू कर रहे हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति बगैर मास्क के नजर नहीं आए और उसकी पूरी सुरक्षा हो सके।
जीएस टांक, महापौर, नगर निगम उदयपुर