मरीज ााते है धक्के महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल में चिकित्सक को दि ााने से लेकर दवा लेने और ार्ती होने तक मरीज अब ाी कतारों में सुबह से शाम तक धक्के ााते हैं। सरकार मरीजों को राहत देने के लिए ाास योजना लेकर आई थी, लेकिन इसकी क्रियान्विती उदयपुर में नहीं हो सकी। सरकार की मंशा थी कि प्रत्येक ओपीड़ी में एक टोकन सिस्टम लागू किया जाए, लेकिन यहां इसे लागू नहीं किया जा सका। इसे लेकर आरएमआरएस में योजना बनी और फाइलों में चढक़र द तर दा िाल हो गई।
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ये होना था
बकायदा ओपीड़ी के बरामदे में बड़ा एलइडी लगाया जाना था। जो ाी मरीज किसी ाी चिकित्सक को दि ााने आया हो उसे पंजीकरण के साथ ही एक टोकन न बर दिया जाना था, उस न बर के आधार पर स ाी मरीज निजी हॉस्पिटल की तरह उसके सामने बैठक र चिकित्सक को दि ााने के लिए अपनी बारी का इन्तजार कर सके। जब उनकी बारी आएगी तो उन्हें अपना टोकन न बर उस डिस्प्ले पर दि ोगा ताकि वे बिना किसी परेशानी के उठेंगे और चिकित्सक सलाह के लिए कक्ष में जाएंगे।
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ये होना था
बकायदा ओपीड़ी के बरामदे में बड़ा एलइडी लगाया जाना था। जो ाी मरीज किसी ाी चिकित्सक को दि ााने आया हो उसे पंजीकरण के साथ ही एक टोकन न बर दिया जाना था, उस न बर के आधार पर स ाी मरीज निजी हॉस्पिटल की तरह उसके सामने बैठक र चिकित्सक को दि ााने के लिए अपनी बारी का इन्तजार कर सके। जब उनकी बारी आएगी तो उन्हें अपना टोकन न बर उस डिस्प्ले पर दि ोगा ताकि वे बिना किसी परेशानी के उठेंगे और चिकित्सक सलाह के लिए कक्ष में जाएंगे।
—- बैठक में तय हुआ आरएमआरएस की बैठक में इसे तय किया गया, कि जल्द ही एलइडी डिस्प्ले लगाकर इसे शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन ये अब तक शुरू नहीं हो पाया। हालात ये हैं कि मरीज सुबह यहां पंजीयन करवाने के बाद से चिकित्सक की राह दे ाते हैं, जांच के बाद नि:शुल्क दवा के लिए फिर कतारों में लग जाते हैं। कई बार तो ज्यादा ाीड़ होने के कारण बाहरी जिलों से आए मरीजों को चिकित्सक सलाह लिए बगैर ही लौटना पड़ता है।
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कई जिलों से आते हैं मरीज
यहां उदयपुर सं ााग को छोड़ पाली, सिरोही, जालौर, मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों के लोगों सहित बारा व झालावाड़ जिले के मरीज ाी उपचार के लिए यहां पहुंचते हैं। ऐसे में यदि ये टोकन सिस्टम लागू होता है, तो इसका ला ा मरीजों को मिलेगा।
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कई जिलों से आते हैं मरीज
यहां उदयपुर सं ााग को छोड़ पाली, सिरोही, जालौर, मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों के लोगों सहित बारा व झालावाड़ जिले के मरीज ाी उपचार के लिए यहां पहुंचते हैं। ऐसे में यदि ये टोकन सिस्टम लागू होता है, तो इसका ला ा मरीजों को मिलेगा।
—- हम जल्द ही इसे लागू करने जा रहे हैं, तैयारियां चल रही है, आरएमआरएस में हुई बैठक के अनुरूप ही इसे शुरू करेंगे। आचार संहिता के कारण टेंडर प्रक्रिया में अड़चन है, इससे देरी हो रही है।
डॉ ला ान पोसवाल, अधीक्षक महाराणा ाूपाल हॉस्पिटल