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सिर्फ दोस्त ही नहीं असली जिन्दगी का रस हंै किताबें

locationउदयपुरPublished: Apr 23, 2019 11:24:11 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

– विश्व पुस्तक दिवस पर आयोजन

udaipur

सिर्फ दोस्त ही नहीं असली जिन्दगी का रस हंै किताबें

उदयपुर. किताबों की दुनिया बड़ी रोचक है। इनकी दुनिया में हर सवाल का जवाब मिलता है। किताबों का अध्ययन सभी जिज्ञासाओं को शांत कर देता है। जीवन के किताबें किसी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन जाती हैं तो कोई इनमें अपना जीवन तलाश कर इसका संग्रहण कर लेता है। उक्त विचार को विश्व पुस्तक दिवस के मौके पर मंगलवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति एस.एस. सारंगदेवोत ने कही। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सारंगदेवोत ने कहा कि डिजिटल वल्र्ड ने पुस्तकों के दायरे को बढ़ाया है। बदलजी लाइफ स्टाइल के कारण लोगों की आदतों में भी काफी बदलाव आया है। डिजिटल से जुडऩे के बाद ऑनलाइन बुक्स रिडिंग के कन्सेप्ट आम जन ने अपना लिया है। पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. घनश्यामसिंह भीण्डर, दिनेश श्रीमाली सम्पत राठौड़, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, जितेन्द्र सिंह चौहान, डा. आशीष नन्दवाना एवं अन्य मौजूद थे।
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