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पानी ही नहीं, किसानों की जमीनों में घोल दिया जहर, जांच ने चौंकाया

locationउदयपुरPublished: Jul 10, 2019 05:56:27 pm

Submitted by:

Bhagwati Teli

शहर से सटी 4 पंचायतों के 14 गांव के किसानों की उपजाऊ जमीनें लगातार प्रदूषित poison पानी से खराब हो रही है। पानी की नमूनों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य आने के बाद किसानों ने अपने खेतों की मृदा की कृषि विभाग से मिट्टी की जांच करवाई तो उसमें भी खराबी सामने आ गई। सर्वाधिक खराब हालत बेड़वास व कानपुर की मृदा की मिली।

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मिट्टी की ‘हेल्थ’ जांचने में जुटे अधिकारी, खेतों में जाकर किसानों से ले रहे सैंपल

उदयपुर. शहर से सटी 4 पंचायतों के 14 गांव के किसानों की उपजाऊ जमीनें farmers lands लगातार प्रदूषित पानी से खराब हो रही है। पानी की नमूनों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य आने के बाद किसानों ने अपने खेतों की मृदा की कृषि विभाग से मिट्टी की जांच करवाई तो उसमें भी खराबी सामने आ गई। सर्वाधिक खराब हालत बेड़वास व कानपुर की मृदा की मिली। फैक्ट्री के केमिकलयुक्त पानी व आयड़ के प्रदूषित पानी से जमीनों की हालत खराब हो गई है। फसल पर अब मवेशी भी मुंह नहीं मार रहा। आयड़ नदी के आसपास बसे बेड़वास, कानपुर, खरबडिय़ा, मटून, लकड़वास सहित कई गांवों के कुओं व नलकूपों के पानी में मानक से कई ज्यादा टीडीएस, क्लोराइड, फ्लोराइड की मात्रा पानी पाने से जहां ग्रामीण बीमार हो रहे हैं, वहीं उनकी जमीनों में उगनी वाली फसल भी पूरी तरह से चपेट है। खुद कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि शीघ्र ही अगर इस स्थिति को सुधारा नहीं गया तो जमीन बुवाई लायक नहीं रहेगी। राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाए गए अभियान ‘काश्तकार झेल रहे काले पानी का दंश’ में सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित होने के बाद ग्रामीणों ने कानपुर व बेड़वास क्षेत्र के पानी एवं मृदा के नमूनों की जांच करवाई तो दोनों के ही चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। दोनों ही गांवों के कुओं-नलकूपों से लिए पानी के नमूनों में तय मानक से चार से पांच गुना रसायन पाए गए। मृदा में भी जैविक कार्बन, उपलब्ध फास्फोरस, पोटाश , सल्फर सहित कई तत्व तय मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। पत्रिका टीम ने जब जानकार वैज्ञानिकों को यह रिपोर्ट दिखाई तो उन्होंने भी जमीन खराब होने की बात स्वीकारी। वैज्ञानिकों का कहना है केमिकलयुक्त व प्रदूषित पानी से सिङ्क्षचत होने वाली फसल व सब्जियों की पैदावार भी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इधर, प्रदूषण संयोजक समिति के संयोजक गेहरीलाल डांगी, उदयसागर संघर्ष समिति के अध्यक्ष व भोइयों की पचोली सरपंच विमल भादवीय ने जयपुर अधिकारियों को शिकायत की है। किसान क्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक पटेल भी किसानों से फोन पर वार्ता कर राज्य सरकार को इस मामले में अवगत करवाकर मदद करने का आश्वासन दिया।
मिटटी की जांच investigations ने भी चौंकाया
बेड़वास- खबरा नम्बर 3132 जांच परिणाम निष्कर्ष कानपुर-2728 निष्कर्ष

पीएच (अम्लीयता/क्षारीयता) 7.80 सामान्य 7.80 सामान्य
ई.सी.(डी.एस./मीटर) 2.26 सामान्य 2.26 लवणीय

जैविक कार्बन (प्रतिशत) 0.31 कम 0.31 कम
उपलब्ध फास्फोरस 21.00 मध्यम 21.00 कम
उपलब्ध पोटाश 427.00 ज्यादा 427.00 ज्यादा
सल्फर (पीपीएम) 40.00 बहुत अधिक 40.00 बहुत अधिक

जस्ता (पीपीएम) 5.05 सामान्य 5.05 सामान्य
लोहा (पीपीएम) 4.04 कम 4.04 कम

ताम्बा (पीपीएम) 2.64 सामान्य 2.64 सामान्य
मैंगनीज (पीपीएम) 8.72 सामन्य 5.72 सामान्य्

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