– सभी जिलों में बचें से जुड़ी संस्थाओं जैसे बाल कल्याण समिति, किशोर व बालिका गृहों, छात्रावासों में पल्स ऑक्सीमीटर खरीदेंगे ताकि गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले ही बच्चों को उपचार मिल सके। यहां आने जाने वालों की कोरोना से जुड़ी जांच हो, बच्चों को कोरोना प्रोटोकोल बताकर उन्हें पोकेट सेनेटाइजर दिया जाए। इम्यूनिटी बढ़े ऐसा भोजन दिया जाए। बच्चों को सरकार की ओर से जारी उम्र के अनुसार वैक्सीनेशन करवाया जाए, जिसका रिकॉर्ड हो। राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सचिव महेन्द्र प्रतापसिंह ने यह पत्र सभी जिला कलक्टर्स को लिखा है।
—— बड़ों के लिए ही कम पड़ रही ऑक्सीजन तो कैसे होगा …. राज्य बाल आयोग ने पत्र में उल्लेख किया है कि जो डेडिकेटेड कोविड सेंटर खोले जाएं उनमें ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाई जाए, लेकिन वर्तमान हालात में तो बड़ों के लिए भी ऑक्सीजन कम पड़ रही है तो आगे की तैयारी कैसे हो पाएंगी, यह बड़ा सवाल है।